गोरखपुर-गोंडा वाया बढ़नी-बलरामपुर रेल खंड पर गोण्डा रेल हादसे की जांच के लिए रेल संरक्षा आयुक्त को गोरखपुर-लखनऊ रूट पर 35 घंटे का ब्लॉक चाहिए. घटना की जांच कर रहे सीआरएस ने एनईआर को पत्र भेज दोनों लाइन (अप और डाउन) को 35 घंटे तक ब्लॉक करने को कहा है. जानकारी के अनुसार, जांच टीम ब्लाक के दौरान दुर्घटना के दौरान ट्रैक से उतरी बोगियों को ट्रैक पर रखवाकर जांच करेगी.
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सीआरएस के पत्र पर अगर पूर्वोत्तर रेलवे ने सहमति प्रदान करके ब्लॉक दे दिया तो 35 घंटे के ब्लॉक के दौरान करीब 100 ट्रेनों को निरस्त तो 100 को डायवर्ट करना पड़ सकता है. फिलहाल ब्लाक पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है. उधर, पूरे रेल महकमें में चर्चा है कि पहली बार किसी रेल दुर्घटना की जांच के लिए सीआरएस की तरफ से इस तरह 35 घंटे तक लाइन ब्लाक करने की डिमांड की गई है. बीते 18 जुलाई 2024 को गोण्डा के झिलाही के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिससे तीन बोगियां पलट गई थीं। हादसे में चार यात्रियों की मौत हो गई थी जबकि 25 घायल हो गए थे.
घटना के बाद सीआरएस ने शुरू की जांच
दुर्घटना के ठीक एक दिन बाद ही रेल संरक्षा आयुक्त ने जांच शुरू कर दी. जांच के क्रम में संरक्षा से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों सहित कुछ अन्य लोगों से पूछताछ हो चुकी है. सीआरएस ने दुर्घटना स्थल पर भी जांच की. हालांकि अभी तक प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट नहीं आ सकी है. इसी को ध्यान में रखकर पुनः दुर्घटना स्थल पर जांच की जा सकती है.
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इसलिए चाहिए 35 घंटे का ब्लॉक
ब्लॉक के लिए भेजे गए पत्र के अनुसार डिरेल हुई बोगियों की लिए ब्लॉक मांगा गया है. ब्लॉक के दौरान बोगियों को उठाकर ट्रैक पर रखा जाएगा, जिसके बाद उसकी माप की जाएगी.
फिलहाल नहीं दिया गया है ब्लॉक
सीआरएस के पत्र के बाद डीआरएम लखनऊ मण्डल ने परिचालन विभाग से ब्लाक के लिए अनुरोध किया है. हालांकि यात्री हित की असुविधाओं को देखते हुए ब्लॉक नहीं दिया गया है.