श्रावस्ती जिले में पिछले दो दिनों से भले ही बरसात थम गई हो, लेकिन राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। नेपाल के पहाड़ों में होने वाली बरसात का पानी नेपाल के कुसुम बैराज से होकर लगातार राप्ती नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे जमुनहा के राप्ती बैराज में नदी का जलस्तर शनिवार को भी खतरे के निशान 127.70 से पांच सेंटीमीटर ऊपर है।
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राप्ती का जलस्तर कभी दस सेंटीमीटर बढ़ तो कभी घट रहा है, लेकिन खतरे के निशान से ऊपर ही बना हुआ है। इससे राप्ती की लहरें अपने तट पर स्थित गांवों में कटान कर रही है। इससे इकौना के जगरावलगढ़ी, कुम्हारगढ़ी टेडवा सहित गिलौला के बैदौरा, कसियापुर, जमुनहा के बरंगा व घटेपुरवा में कटान हो रही है। यहां नदी तट पर स्थित खेतों को फसल सहित काट कर अपनी धारा में मिला रही है। वहीं टेंडवा गांव का वजूद मिटाने के लिए राप्ती गांव में कटान कर रही है। इससे ग्रामीणों की दुश्वारी बरकरार है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि नदी का जलस्तर सामान्य न हुआ तो टेंडवा गांव को खाली भी करवाया जा सकता है।