बहराइच के महसी तहसील में चार बच्चों की मौत और 18 से ज्यादा बच्चों को घायल करने के बाद भी भेड़ियों का आतंक नहीं रुक रहा है। अभी तक तीन भेड़िए पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ भेड़िए बचे है। जिला अधिकारी ने भी हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित इलाके के लिए 20 लाख स्वीकृत किए हैं। महसी तहसील के लगभग 25 से 30 गांवों में पिछले एक महीने से भेड़ियों का एक झुंड आतंक मचाए हुए है। इन भेड़ियों ने सबसे पहले मक्का पुरवा में चारपाई पर सो रहे मोहम्मद रजा (2 वर्ष) को उठाया, उसके बाद नकवा से प्रतिभा (2वर्ष), फिर कुलैला से राकेश (8वर्ष) और पिछली रात नसीरपुर से सन्धा (4 वर्ष) को उठाया। इन सारी घटनाओं में हमले का तरीका समान था। इन बच्चों पर तभी हमला हुआ, जब इनकी मां बच्चों के पास से थोड़ी देर के लिए हट गई। आतंक मचा रहे इन भेड़ियों को पकड़ने के लिए 4 पिंजरे और 6 कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। भेड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग बहराइच की 9 टीमें, कतर्नियाघाट की 2 टीम और गोंडा की एक टीम लगाई गई है। इस भारी-भरकम इंतेजाम के बाद तीन भेड़िए पिंजरे में कैद हो चुके है, लेकिन अभी भी कुछ भेड़िए बाकी बचे हुए है।
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लगातार हमले कर रहे भेड़िए
प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि यह 5 भेड़ियों का झुंड है जो दिन में अपने शिकार की रेकी कर लेता है और फिर रात में घर के करीब कहीं झाड़ियों में आकर छुप कर बैठ जाता है। पहले भेड़िये रात 8 बजे हमला करते थे, लेकिन जब वन विभाग का दबाव बना तो उन्होंने समय को देर रात के लिए बदल दिया। जिला अधिकारी मोनिका रानी ने भेड़िया प्रभावित क्षेत्रों के बेघरों को आवास उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं गांव मे सोलर स्ट्रीट, हाई मास्ट लाइटें लगाने की कार्य योजना तैयार की है। कार्य योजना को धरातल पर लाने के लिए 20 लाख की धनराशि भी स्वीकृत की है।