जी हां, हम बात कर रहे हैं श्रावस्ती जिलें की जो देश का शायद ऐसा पहला जिला होगा जहां न तो एक भी इंच रेल लाइन है, और न परिवहन निगम डिपो जबकि जिले में एयरपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है। जहां से लखनऊ के लिए सप्ताह में दो दिन हवाई सेवा दी जा रही है। जिले की करीब 66 किलोमीटर खुली नेपाल सीमा राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है। भूमि उपलब्ध होने के बाद भी अब तक डिपो स्थापना की कवायद शुरू नहीं हो सकी है।
अब मिली बड़ी खुशखबरी
जिले में रेल लाइन बिछाने की कवायद शुरू कर दी गई है। परियोजना स्वीकृति के पांच वर्ष बाद अब भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। परियोजना में हो रही देरी से मायूस जिलेवासियों में मंगलवार से शुरू हुई अधिग्रहण प्रक्रिया के बाद उम्मीदों को पंख लगे हैं। यह रेल लाइन खलीलाबाद से बहराइच वाया सिद्धार्थनगर-बलरामपुर-श्रावस्ती जिले से होते हुए बहराइच को जोड़ेगी।
2018 में मिली थी स्वीकृति 2024-25 में पूरा होना था कार्य
केंद्र सरकार ने बहराइच से खलीलाबाद वाया भिनगा, इकौना, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौला, डुमरियागंज 240 किलोमीटर नई रेल लाइन को मंजूरी प्रदान करते हुए 2018 में उसका सर्वे पूरा कराकर 4940 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। परियोजना का शिलान्यास मार्च 2019 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने किया था। इस परियोजना को वर्ष 2024-25 में पूरा होना था, लेकिन काम शुरू नहीं हो सका। अब 2024 में यह योजना रफ्तार पकड़ती हुई नजर आ रही है।