बलरामपुर जिले में सड़कों की स्थिति काफी दयनीय है। कहीं बाढ़ आने पर पूरी सड़कें कट गई हैं तो कहीं सड़क तालाब का रूप धारण किए है। विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के प्रति उदासीन बने हुए हैं। मिनटों का सफर तय करने में ग्रामीण को घंटों लग रहे हैं। जर्जर सड़कों के चलते कई बार ग्रामीण दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाते हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार जिम्मेदारों से सड़कों को दुरुस्त कराने की मांग भी की लेकिन सुनवाई नहीं की गई। मुख्यमंत्री के गड्ढामुक्त सड़कों के आदेश के बाद इन सड़कों के मरम्मत की उम्मीदें ग्रामीणों में जरूर जगी हैं।
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महाराजगंज तराई के सुगानगर से लोनियनपुरवा जाने वाली सड़क दो माह पहले आई बाढ़ में आधी कटकर बह गई है। इसके लिए ग्रामीणों को ब्लाॅक मुख्यालय आने के लिए 7-8 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। इसी मार्ग पर लोनियनपुरवा, शांतिपुरवा, विजयीडीह सहित 10 गांवों के लोगों का आवागमन होता है।
महदेइया बाजार के मुख्य चौराहे से मुजेहनी गांव तक जाने वाला सड़क की गिट्टियां उखड़ गई हैं। बरसात होने पर सड़क तालाब बन जाती है। कई वर्षों से सड़क मरम्मत कराने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।