Bahraich News: नेपाल सीमा पर 400 करोड़ से बनेंगी सड़कें, सेना का आवागमन होगा सुगम

भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए सीमा के समानांतर सड़क का निर्माण कराया जाएगा। 122 किलोमीटर लंबी सड़क पर 400 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सड़क निर्माण होने से सीमा पार से होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगेगी। देश विरोधी ताकतों पर भी पैनी नजर रखी जाएगी। सड़क निर्माण को लेकर सांसद बहराइच डॉ. आनंद गोंड ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बजट जारी करने की मांग की है। यह प्रोजेक्ट प्रदेश के सात जिलों के लिए कुल 3159 करोड़ का है।





यह भी पढ़ें : Balrampur News: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़े जाएंगे गांवों के सार्वजनिक भवन




भारत नेपाल के बीच लगभग 95 किलोमीटर लंबी सीमा खुली है। जिसके दोनों ओर भारत व नेपाल के गांव बसे हैं और आधे से अधिक हिस्से में घना जंगल है। जिसके चलते नेपाल के रास्ते भारत में भारत विरोधी ताकतों के प्रवेश करने का खतरा बना रहता है। यही नहीं जंगल की पगडंडियों से मादक पदार्थों समेत विभिन्न पदार्थों की तस्करी भी की जाती है। इन सब पर लगाम लगाने के लिए भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती है। एसएसबी जवान विभिन्न चौकियों व गस्ती दल के माध्यम से सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। लेकिन इस दौरान मार्गों की कमी बाधक बन रही है। जिसे दूर करने के लिए सांसद बहराइच डॉ. आनंद गोंड से गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सांसद डॉ. आनंद गोंड ने बताया कि गृहमंत्री से कतनिर्याघाट वन्यजीव प्रभाग से सोहेलवा वन्य क्षेत्र तक मार्ग निर्माण पूरा करवाने की मांग की गई है।


31 किमी सड़क मार्ग का हो चुका निर्माण


सांसद बहराइच ने बताया कि नेपाल सीमा के समानांतर कुल 154 किलोमीटर सड़क बनाई जानी है। जिसमें प्रथम चरण में 31 किलोमीटर की सड़क को बनाया जा चुका है। शेष बचे मार्ग के निर्माण के लिए गृहमंत्री से स्वीकृति की मांग की गई है।



यह भी पढ़ें : Airtel यूज़र्स की हो गई बल्ले-बल्ले लॉन्च हुए 3 सस्ते डेटा प्लान्स , जाने क्या है नये रिचार्ज की कीमत 




40 किमी कृषि तो 81 किमी वन क्षेत्र की भूमि


लोकनिर्माण विभाग के एई अभिषेक राय ने बताया कि कुल 154 किमी मार्ग में लगभग 40 किमी मार्ग कृषि भूमि व लगभग 81 किमी मार्ग वन क्षेत्र में बनना है। कृषि भूमि में से 17 किमी सड़क बन चुकी है और 23 किमी बनाई जानी है। सड़क बनाए जाने को लेकर 70 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एई ने बताया कि वन क्षेत्र की भूमि का एसएसबी, फारेस्ट विभाग व पीडब्ल्यूडी की टीम ने सर्वे कर परिवेश पोर्टल पर अपलोड कर दिया है।


प्रोजेक्ट में सात जिलें है शामिल 


इंडो-नेपाल बार्डर रोड परियोजना सात जिलों के लिए है और इस पर 3159 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। परियोजना में बहराइच के साथ-साथ पीलीभीत, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व महराजगंज शामिल हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.