उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के सराय जगना गांव में बुलडोजर एक्शन में 23 परिवारों के मकान ढहाकर सरकारी जमीन से कब्जा हटाया गया. ये सभी घर 40 साल पहले बने थे. इतना ही नहीं प्रशासन की ओर से 100 से ज्यादा घरों-दुकानों को नोटिस थमाया गया है, जिसके बाद से पूरा गांव इस दहशत में है कि पता नहीं उनका आशियाना ढहा दिया जाए. आखिर ये बुलडोजर एक्शन किसकी शिकायत पर हुआ था? आइए विस्तार से जानते हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स की बात के अनुसार मानें तो इस गांव के ही दो लोगों के बीच रास्ते की जमीन को लेकर विवाद हुआ था. गुड़िया उर्फ हदीसुन को रास्ता ज्यादा मिलना था, जबकि पड़ोसी जावेद केवल तीन फीट का रास्ता दे रहे थे. बस यही बात थी, जिसने बुलडोजर एक्शन का प्लॉन तैयार कर दिया. इस बात का विवाद इतना बढ़ा कि मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया और डेढ़ साल केस लड़ने के बाद गुड़िया को इंसाफ मिला. गुड़िया को इंसाफ तो मिल गया, लेकिन किसे पता था कि कोर्ट का ये इंसाफ एक दिन पूरे गांव में तबाही मचा देगा.
रास्ते के लिए जमीन तो मिली, लेकिन ढह गया घर
अदालत के आदेश के बाद गुड़िया को रास्ता देने के लिए नपाई शुरू हुई. इसी दौरान जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि जिस जमीन को लेकर दो पक्ष आपस में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, वो जमीन ग्राम समाज की है और जिस रास्ते के लिए लड़ाई लड़ी गई वो सरकारी जमीन है. इसके बाद इलाके के सभी 129 परिवारों को नोटिस दिया गया और सरकारी जमीन से अपना अतिक्रमण हटा लेने को कहा गया और अगर कब्जा नहीं हटाया गया तो प्रशासन द्वारा बुलडोजर एक्शन लिया जाएगा. गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी को नोटिस एक वर्ष पहले ही दिया गया था. लेकिन किसी ने भी अतिक्रमण नहीं हटाया. इसी को लेकर पहले चरण में बुधवार को 23 मकानों को गिराया गया था.
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तीन फीट जमीन के लिए अब हो रहा अफसोस!
इस गांव के लोग अब डर के साये में हैं. उनके अंदर बुलडोजर एक्शन की ऐसी दहशत है कि अब वो खुद ही अपना घर और दुकान गिरा रहे हैं. कई लोग घरों से अपना सामान निकाल रहे हैं. पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है. लोगों को अब इस बात का अफसोस है कि उन्होंने बेकार ही तीन फीट जमीन के लिए इतनी लंबी लड़ाई लड़ी और इसके एवज में उन्हें क्या मिला. जिस जमीन पर बने घर में रह रहे थे और जीवन शांति से कट रहा था अब वो भी उनसे छीनी जा रही है. ये सब प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही है.