बलरामपुर जिलें के ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने एवं विकसित करने पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है। बलरामपुर जिलाधिकारी ने वन्दन योजना के अंतर्गत नगर क्षेत्र बलरामपुर स्थित रानी तालाब के पास हनुमान मन्दिर एवं नगर पंचायत पचपेड़वा अन्तर्गत पौराणिक महत्व श्री शिवगढ़ धाम महादेव मन्दिर के सौन्दर्यीकरण के लिए धनावंटन का प्रस्ताव शासन कोे भेजा गया है।
यह भी पढ़ें : Ration Card E-KYC: राशनकार्ड धारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाई ई-केवाईसी की समयसीमा
जाने कौन-कौन से विकास कार्य हैं शामिल
बलरामपुर नगर के रानी तालाब के निकट स्थित हनुमान मन्दिर सांस्कृतिक, पौराणिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के दृष्टिगत अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हनुमान मन्दिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सम्पर्क मार्ग, परिक्रमा पथ, विश्रामालय, हवन कुण्ड शेड, बेन्च एवं घाट के सौन्दर्यीकरण के सीढ़ी का निर्माण कार्य तथा सम्पर्क तिराहा मार्ग का सौन्दर्यीकरण कार्य कराने के लिए 01 करोड़ 99 लाख 65 हजार रूपए का बजट का प्रस्ताव भेजा गया है।
नगर पंचायत पचपेड़वा क्षेत्र अन्तर्गत वार्ड नम्बर 14 में स्थित पौराणिक एवं 200 वर्ष पुराने स्वयंभू शिवलिंग व माता पार्वती के प्रसिद्ध शिवगढ़ धाम मन्दिर के सौन्दर्यीकरण के लिए मन्दिर परिसर में हॉल का निर्माण, मन्दिर का सौन्दर्यीकरण, मुनीर महतौ के मकान से शिवगढ़ धाम मन्दिर तक सी0सी0 रोड निर्माण का कार्य, वार्ड नम्बर-9 में सिसहनिया से शिवगढ़ धाम मन्दिर में परिसर के आस-पास 110-130 वॉट एल0ई0डी0 लाईट एवं 09 मीटर आक्टोगोनल पोल की आपूर्ति एवं स्थापना का कार्य कराने के लिए 01 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए का बजट आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
यह भी पढ़ें : आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामोल समेत 53 दवाएं क्वालिटी चेक में फेल
जाने क्या हैं श्री शिवगढ़ धाम महादेव मंदिर की मान्यता
मान्यता के अनुसार शिवगढ़ धाम मन्दिर एक पौराणिक एवं 200 वर्ष पुराना भू-गर्भ से प्राप्त एक स्वयं-भू शिवलिंग व माता पार्वती का मन्दिर है जहां पर पूरे वर्ष दर्शनार्थियों का आना-जान लगा रहता है। श्रावण मास में जिले की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा जो कि 51 शक्तिपीठों में से एक देवीपाटन मंदिर के सूर्यकुण्ड से जल लेकर कांवड़िये शिवगढ़ धाम मन्दिर पर हजारों की संख्या मे जलाभिषेक के लिए आते हैं।
जाने क्या हैं श्री हनुमान मंदिर की मान्यता
रानी तालाब के पास स्थित हनुमान मन्दिर का भी अपना पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व है जहां पर हनुमान जयन्ती, ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल एवं प्रत्येक मंगलवार व शनिवार को श्रद्धालु काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पौराणिक महत्व के दोनों मन्दिरों के सौन्दर्यीकरण एवं अवस्थापना सुविधाओं के हो जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी तथा धरोहरों का संरक्षण भी हो सकेगा।