आखिर क्यों रुका हुआ है नेपाल सीमा पर बनने वाली सड़क का निर्माण कार्य, जाने क्या हैं वजह

नेपाल सीमा पर सात जिलों को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण अब तक अधर में है। बलरामपुर जिले में करीब साढ़े सात किमी लंबी सड़क 2018-2019 में ही बनी है। तभी से काम बंद हैं।






यह भी पढ़ें : Balrampur News: पूर्व चेयरमैन की हत्या के मामले में हुई विवेचक की गवाही




शेष की 84 किमी लंबी सड़क निर्माण का प्रस्ताव पिछले वित्तीय वर्ष में भेजा गया था। इसमें 72 किमी सड़क सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग में पड़ रही है। इसको बनाने के लिए करीब आठ हजार पेड़ काटने पड़ेंगे। इसके लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। लोक निर्माण विभाग इंडो नेपाल ने आगणन रिपोर्ट शासन को भेजी थी। अब तक सड़क पूरी करने की दिशा में कार्य नहीं हो पाया है, जिससे सात जिलों का सफर सुहाना नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है। वन विभाग से एनओसी का इंतजार है।


जिलें में बनी हैं मात्र 7 किमी सड़क


भारत-नेपाल सीमा मार्ग परियोजना के तहत 2014 से इस पर काम चल रहा है। जिले में 91.055 किमी सड़क बननी है। अब तक कंचनपुर से गंधैला नाका के बीच में 7.260 किमी लंबी सड़क 2018-2019 में बन चुकी है। इस पर 23 करोड़ 69 लाख रुपये खर्च किया जा चुका है। बाकी बची शेष सड़क निर्माण के लिए वन विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव शासन को भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद वन विभाग से 72 किमी लंबी सड़क बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। इसके बाद ही वन क्षेत्र में सड़क बन सकती हैं। 


यह भी पढ़ें : गोरखपुर से पानीपत तक 22 जिलों को जोड़ते हुए बनेगा नया एक्सप्रेस-वे, जाने कौन कौन से जिलें है शामिल



7 जिलों को मिलेगा लाभ


परियोजना पूरी होने पर प्रदेश के सात जिलों पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर व महाराजगंज सीधे जुड़ जाएंगे। इन सात जिलों के लोगों का सफर सुहाना होने के साथ ही सीमा पर सुरक्षा बलों की गश्त का मार्ग बन जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.