उत्तर प्रदेश की पुलिस एनकाउंटर में ही माहिर नहीं है, वह अपने अलग-अलग कारनामों की वजह से भी सुर्ख़ियों में रहती है. पुलिस अपने कप्तान को खुश करने के लिए क्या कर सकती है, इसकी बानगी रायबरेली से सामने आई है. रायबरेली के खीरो थाने के पुलिस ने तत्कालीन एसपी अभिषेक अग्रवाल को टैक्सी न देने पर MBA डिग्री होल्डर को चोर बताकर जेल भेज दिया. कथित फर्जी गिरफ्तारी के इस मामले में पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने अपनी जांच रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने पेश किया. पुलिस कमिश्नर लखनऊ की जांच रिपोर्ट में संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गयी है. कोर्ट ने इस आधार पर मामले को निस्तारित कर दिया.
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इस वजह से निर्दोष को भेजा गया जेल
याची गोमती मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि रायबरेली की खीरो थाने की पुलिस ने उसके MBA डिग्री होल्डर बेटे अलख मिश्रा को चोरी फर्जी केस में फंसाकर इसलिए जेल भेज दिया क्योंकि उसने एसपी रायबरेली को टैक्सी देने से इनकार कर दिया था. इस मामले में जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस एनके जौहरी की खंडपीठ ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को मामले की जांच सौंपी थी. हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने की. पुलिस कमिश्नर ने अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में दाखिल की. जांच रिपोर्ट में रायबरेली के थाना खीरो के संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की. पुलिस कमिश्नर लखनऊ की रिपोर्ट और विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की संस्तुति के बाद जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस एनके जौहरी की खंडपीठ ने याची गोमती मिश्रा की याचिका को निस्तारित कर दिया.