इस बार दीपोत्सव में जब प्रत्येक दीप अंत में एक साथ कम से कम पांच मिनट जलते रहे।तभी दीपोत्सव के आठवें संस्करण को सफलता मिलेगी, इसी के बाद एक बार फिर यह दीपोत्सव गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हो सकेगा। अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के नेतृत्व में घाटों पर दीपों का संयोजन रविवार को भी हुआ।
28 अक्टूबर तक सभी घाटों पर नियत संख्या में दीप बिछा दिए जाएंगे। 29 को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम दीपों की गणना करेगी। यदि दीपों की संख्या कम मिली, तो दीप बढ़ाएं भी जाएंगे। कुल 25 लाख प्रज्वलित दीपों का रिकार्ड बनाने के लिए 28 लाख दीप बिछाये जा रहे हैं। दरअसल इस बार दीयों की क्षमता 40 से घटा कर 30 मिलीलीटर कर दी गयी है। 30 अक्टूबर की शाम सूर्य ढलने के साथ इन्हें प्रज्वलित किया जाने लगेगा। सभी घाटों पर एक साथ स्वयंसेवक दीप प्रज्वलित करेंगे। इन सभी दीपों को 30 मिनट में प्रज्वलित कर देने की बाध्यता है। इसके बाद पांच मिनट तक जलते दीपों की गणना होगी। यदि अंतिम पांच मिनट तक एक साथ सभी दीप जलते मिले, तभी सातवीं बार विश्व कीर्तिमान बन सकेगा। दीपोत्सव के प्रथम संस्करण से ही आयोजन का अहम हिस्सा रहे आशीष मिश्र ने बताया कि 35 मिनट तक दीपों को जलना होगा। कहा प्रज्वलन एक साथ प्रारंभ होगा। गणना की अवधि पांच मिनट है। बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर विराजमान रहेंगे। वह सरयू की आरती में शामिल होकर यहां आएंगे।