नेपाल सीमा से सटे इलाकों में धार्मिक स्थलों पर विशेष निगरानी रखने की तैयारी की जा रही है। नई व्यवस्था के तहत सशस्त्र सीमा बल अब सीमा के समीप के 15 किलोमीटर की परिधि में फैले धार्मिक स्थलों का ब्योरा जुटाएगी। इसके जरिए इन पर निगरानी की जाएगी।
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भारत-नेपाल का सीमावर्ती क्षेत्र स्मारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सीमा पर बढ़ती संवेदनशीलता को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती की गई है। दरअसल, बलरामपुर जिले में नेपाल से सटी 83 किलोमीटर सीमा खुली है। पगडंडी से लेकर कई रास्ते हैं। यहां पर पैट्रोलिंग से लेकर अन्य प्रबंध किए गए हैं। पहले एसएसबी को सीमा से सटे दोनों इलाकों के पांच किलोमीटर की परिधि के धार्मिक स्थलों का ब्योरा जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन अब इसमें इजाफा किया गया है। इसका दायरा बढ़ाकर 15 किलोमीटर किया गया है। इसे देखते हुए एसएसबी के अधिकारी कवायद करने में जुट गए हैं। हालांकि एसएसबी के अधिकारी अधिकृत तौर पर इस बारे में बयान देने से बच रहे हैं।
पांच थानों से जुड़ी है नेपाल सीमा
बलरामपुर जिले के पचपेड़वा, जरवा, तुलसीपुर समेत पांच थानों की सीमाएं नेपाल सीमा से सटी हैं। नेपाल सीमा पर निगरानी के लिए नौवीं और 50वीं वाहिनी की एसएसबी की टीम तैनात है। सीमा के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष निगरानी का प्रबंध है। वहीं, कच्चे रास्तों पर एसएसबी की टीम पैट्रोलिंग करती है।