बलरामपुर जिलें में दो दिन पहले हलौरा गांव के पास लगे पिंजरे से 16 अक्तूबर को एक तेंदुए को पकड़कर सोहेलवा वन्य क्षेत्र के भारत-नेपाल सीमा पर छोड़ा गया था। 24 घंटे भी नहीं बीते कि गांव के पास फिर से तीन तेंदुए दिखाई दिए। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गया है। वन विभाग की टीम ने फिर से तेंदुए को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
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सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग रेंज तुलसीपुर के हलौरा-कुड़ोहा के रास्ते पर बुधवार की शाम ईदगाह की दीवार व पीडब्ल्यूडी सड़क पर तीन तेंदुए दिखाई दिए। इसकी सूचना फैलने के बाद ग्रामीणों ने उस रास्ते पर आवागमन बंद कर दिया। संग्रामपुर निवासी फिरोज और मुर्तजा ने बताया कि वह टैक्सी लेकर बुधवार जा रहे थे। रास्ते में ईदगाह की दीवार पर दो तेंदुए बैठे दिखाई दिए। सड़क पर एक तेंदुआ घूमता दिखाई दिया। आसपास के अन्य लोगों ने भी तेंदुए को देखे जाने की बात कही। सज्जाद, मुर्तजा, फिरोज, पृथी व हमीद आदि ने बताया कि बीते सोमवार को तेंदुए के पकड़े जाने के बाद गांव में पिंजरा तो रखा हुआ है, लेकिन बकरी नहीं बांधी गई। यदि बकरी होती तो अन्य तेंदुए भी फंस सकते थे।
इस संबंध में उप प्रभागीय वनाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। पहले पिंजरे में बंधी हुई बकरी काे तेंदुए ने घायल कर दिया था। दूसरी बकरी का प्रबंध कर बांधा जाएगा।