CUET UG: 12वीं में नहीं पढ़ा हो वह विषय तब भी उस विषय में विद्यार्थी दे सकते हैं CUET परीक्षा

यूजीसी (UGC) के प्रमुख जगदीश कुमार ने एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि अब विद्यार्थियों को किसी भी विषय में सीयूईटी-यूजी (CUET UG) परीक्षा देने की पूरी आज़ादी होगी। इसका मतलब यह है कि छात्र-छात्राएँ 12वीं कक्षा में जिस भी विषय में पढ़ाई करते हैं, वे अपनी पसंद के विषय के लिए सीयूईटी-यूजी परीक्षा में बैठ सकते हैं।





CUET UG 2025: यूजीसी ने किए महत्वपूर्ण बदलाव, परीक्षा प्रणाली में होंगे बड़े सुधार. यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक विशेष बातचीत में बताया कि 2025 से होने वाले CUET UG (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य परीक्षा को अधिक पारदर्शी, आसान और विद्यार्थियों के लिए सुविधा जनक बनाना है


सीबीटी (कंप्यूटर आधारित परीक्षा) प्रणाली होगी लागू


कुमार ने कहा कि आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञों की एक समिति ने इस परीक्षा की समीक्षा की और कई सुधारों का प्रस्ताव दिया। 2025 से, परीक्षा पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित होगी। इस बदलाव से पहले, 2024 में हाइब्रिड मोड (कंप्यूटर आधारित और उत्तर पुस्तिका दोनों का मिश्रण) लागू किया गया था, लेकिन 2025 से सिर्फ सीबीटी प्रणाली का ही इस्तेमाल होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल माध्यम के द्वारा परीक्षा में शामिल होने का अवसर देना है।



विषयों की संख्या में कटौती



कुमार ने बताया कि परीक्षा में चुने जाने वाले विषयों की संख्या 63 से घटाकर 37 कर दी गई है। पहले जहां छात्र को अधिक संख्या में विषय चुनने की स्वतंत्रता थी, अब इसे घटाकर एक संक्षिप्त और प्रभावी रूप में ढाला गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन विषयों को हटाया गया है, उनके लिए प्रवेश सामान्य योग्यता परीक्षण (CUET UG) में प्राप्त अंकों के आधार पर दिए जाएंगे। इससे छात्रों के लिए परीक्षा में चयन की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट बनाने का प्रयास किया गया है।



नए विषयों के चयन की सुविधा



कुमार ने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को अब उन विषयों को चुनने की सुविधा मिलेगी, जिन्हें उन्होंने 12वीं कक्षा में नहीं पढ़ा था। इस कदम का उद्देश्य विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अपनी पसंद के नए विषयों को चुनने का अवसर प्रदान करना है, ताकि वे अपनी रुचियों और भविष्य के करियर के अनुसार विषयों का चयन कर सकें।



CUET UG में बदलाव



2025 से विद्यार्थी अब छह की बजाय अधिकतम पांच विषयों में CUET UG परीक्षा देंगे। इसके साथ ही, परीक्षा की अवधि को भी मानकीकृत कर दिया गया है। पहले परीक्षा की अवधि विषयों के आधार पर 45 मिनट से 60 मिनट तक होती थी, अब इसे 60 मिनट के रूप में तय किया गया है। इसके अलावा, अब परीक्षा में वैकल्पिक प्रश्नों की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है और सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को हर प्रश्न पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना है।


 

CUET UG : पिछली चुनौतियां और सुधार



सीयूईटी की शुरुआत 2022 में की गई थी, ताकि भारतीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया को सरल और एकीकृत किया जा सके। हालांकि, शुरुआत में इसे लागू करने में कई समस्याएं सामने आईं। 2022 में परीक्षा केंद्रों में अचानक बदलाव, तकनीकी गड़बड़ियां और पेपरों का रद्द होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप परिणामों की घोषणा में देरी हुई।



इसके बाद 2023 में भी CUET UG के परिणामों में देरी हुई, क्योंकि आंसर-की में कई गड़बड़ियां पाई गईं। इस दौरान छात्रों को सुधार के लिए 200 रुपये का शुल्क भी देना पड़ा। वहीं, 2024 में नीट यूजी परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों ने सीयूईटी के परिणामों में और देरी की।



दिल्ली में पहली बार हाइब्रिड-मोड परीक्षा को अचानक रद्द कर दिया गया, जिसके बाद इसमें भी बड़े पैमाने पर आलोचना हुई। इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं, ताकि भविष्य में परीक्षा प्रणाली को और बेहतर और पारदर्शी बनाया जा सके।



2025 में उम्मीदें और सुधार



CUET UG 2025 में इन सभी बदलावों के साथ उम्मीद की जा रही है कि परीक्षा को अधिक व्यवस्थित और सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया जाएगा। साथ ही, छात्रों के लिए परीक्षा की प्रक्रिया को सरल और उनकी आवश्यकता के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा। यूजीसी ने सुनिश्चित किया है कि इस बार परीक्षा में किसी भी प्रकार की तकनीकी या लॉजिस्टिक समस्याएं न हों, ताकि छात्रों को सही समय पर और सही तरीके से परिणाम मिल सकें।



कुमार ने यह भी बताया कि इन बदलावों के बाद, सीयूईटी-यूजी के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता दोनों सुनिश्चित किए जाएंगे। विद्यार्थियों को एक बेहतर और सुविधाजनक परीक्षा अनुभव मिलने की उम्मीद है, जिससे उनका शैक्षिक भविष्य और भी उज्जवल बनेगा।



नए कदमों से उच्च शिक्षा में सुधार की दिशा में बड़ा कदमसीयूईटी के इन सुधारों के साथ, भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखा जाएगा। शिक्षा प्रणाली को और अधिक समावेशी बनाने के लिए किए गए ये बदलाव विद्यार्थियों के लिए नए अवसर लेकर आएंगे। अब छात्रों को अपनी पसंद के विषयों का चुनाव करने का अधिक अवसर मिलेगा, जो उनकी करियर की दिशा को प्रभावित करेगा।



CUET 2025 के नए नियम: अब केवल 13 भाषाओं में होगी परीक्षा, 50 सवाल अनिवार्य.



UGC चेयरमैन का बड़ा बयान



कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) 2025 को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के चेयरमैन ममीडाला जगदीश कुमार ने कई बड़े बदलावों की घोषणा की है। परीक्षा में अब केवल 13 भाषाओं में आयोजन होगा, जबकि पहले यह 20 भाषाओं में आयोजित की जाती थी। चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि इन 13 भाषाओं में ही सभी विषयों के लिए परीक्षाएं होंगी।



मुख्य बदलाव:



सिर्फ 13 भाषाएं:



पहले CUET 20 भाषाओं में होता था, लेकिन अब इसे घटाकर 13 भाषाओं तक सीमित कर दिया गया है।. विषयों की संख्या कम हुई:इस साल कुल डोमेन-विशिष्ट विषयों की संख्या 29 से घटाकर 23 कर दी गई है। कुल विषयों की संख्या अब केवल 37 होगी, जबकि पहले यह 63 थी।. 



50 सवाल अनिवार्य:



पिछले साल जहां छात्रों को 50 में से 40 सवालों के उत्तर देने की छूट थी, अब सभी 50 सवाल अनिवार्य होंगे।



परीक्षा की अवधि:



सभी विषयों के लिए अब परीक्षा की अवधि 60 मिनट होगी। पहले यह विषय के आधार पर 45 से 60 मिनट के बीच हुआ करती थी। 



सीबीटी मोड में होगी CUET UG परीक्षा:



UGC चेयरमैन ने घोषणा की कि CUET-UG 2025 पूरी तरह कंप्यूटर-आधारित टेस्ट (CBT) के रूप में आयोजित होगी। छात्रों को कक्षा 12 में पढ़े विषयों से अलग किसी भी विषय की परीक्षा देने की अनुमति होगी, जिससे वे अनुशासनात्मक सीमाओं को पार कर सकें।


हाइब्रिड मोड खत्म:



2024 में CUET UG पहली बार हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी। लेकिन 2025 से यह परीक्षा पूरी तरह से डिजिटल होगी। चेयरमैन ने बताया कि तकनीकी और लॉजिस्टिक समस्याओं से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।



छात्रों के लिए नई सुविधा:



2025 से छात्र अधिकतम पांच विषयों की परीक्षा दे सकेंगे, जबकि पहले यह संख्या छह थी।




2022 और 2024 की समस्याओं से सीखा सबक:



2022 में CUET UG के पहले संस्करण में तकनीकी दिक्कतें और अंकों का सामान्यीकरण बड़ी चुनौती बनी थी। 2024 में पहली बार परीक्षा हाइब्रिड मोड में हुई लेकिन दिल्ली में अंतिम समय पर रद्द कर दी गई थी। इन समस्याओं से सबक लेते हुए 2025 के लिए तैयारी और नियमों में बदलाव किए गए हैं।




CUET 2025 इन बदलावों के साथ छात्रों के लिए और अधिक संगठित और सहज अनुभव बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

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