बलरामपुर जिले में बनकर तैयार अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय की ओटी को लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) मॉडल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। बलरामपुर मेडिकल कॉलेज की ओटी को हाईटेक बनाने के लिए नोडल प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।
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आकांक्षात्मक जनपदों में शामिल बलरामपुर जिले में मेडिकल कॉलेज को संचालित करने की कवायद तेजी से चल रही है। नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों में वैसे तो हाईटेक व्यवस्था रहेगी, लेकिन ओटी को लखनऊ के एसजीपीजीआई मॉडल पर तैयार किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज की ओटी में उच्च तकनीकी वाले उपकरणों के साथ पोस्ट-ऑपरेटिव केयर व पैलिएटिव विभाग बनाया जाएगा। सर्जरी के तुरंत बाद मरीज को जो देखभाल दी जाती है उसे पोस्ट-ऑपरेटिव केयर कहते हैं। सर्जरी के बाद हर व्यक्ति की रिकवरी प्रक्रिया अलग-अलग होती है। इसके लिए रोगी की उन्नत रिकवरी तैयारी की भी आवश्यकता होती है। पैलिएटिव केयर मरीज के उपचार की एक विधि है जो आध्यात्मिकता पर केंद्रित है। पैलिएटिव केयर का उद्देश्य गंभीर बीमारी का सामना कर रहे रोगियों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। मरीज को दर्द और अन्य शारीरिक लक्षणों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आध्यात्मिक संकट से राहत प्रदान करना है।
नोडल प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि बलरामपुर मेडिकल कॉलेज में हाईटेक ओटी की सुविधा लोगों को मिलेगी। ओटी को विकसित करने की योजना तैयार की गई है। साथ ही कई अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसको लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।