Pushpa 2 : The Rule movie review : साल की सबसे बहुचर्चित फिल्म पुष्पा 5 दिसंबर को ही सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. इस फिल्म का लोगों को बहुत बेसब्री से इंतेज़ार था.
पुष्पा की तरह ही पुष्पा-2 में अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना छा गए हैं. इस फिल्म में भी पुष्पा राज का जलवा दिख रहा है.फिल्म वहीं से शुरू होती है जहाँ पहला भाग खत्म हुआ था. ये थोड़ी लंबी लगती है, और ड्रामा भी ज़्यादा है, लेकिन सुकुमार ने इसे कमर्शियल अंदाज में अच्छी तरह से पेश किया है.
कहानी:
पुष्पा अब एक मजदूर नही बल्कि लाल चन्दन का सबसे बड़ा स्मगलर बन चुका है और पूरे सिंडिकेट का मुखिया बन गया है. इसके साथ ही साथ वो लोगो की मदद भी करता है, लोगों के दिलों मे उसके लिए बहुत इज़्ज़त है, लेकिन इस सब के होते हुए भी पुष्पा को अपने खानदान का नाम नही मिलता है जिसके वजह से वो बहुत उदास रहता है.
पुष्पा की पत्नी है श्रीवल्ली, जिससे वो बहुत प्यार करता है और उसकी हर बात मानता है. जब श्रीवल्ली कहती है CM से मिलने जा रहे हो तो फोटो क्लिक करा लेना और जब सीएम एक स्मगलर के साथ फोटो नहीं खिंचवाता तो पुष्पा CM ही बदलने की प्लानिंग कर देता है. पुष्पा स्टेट भर मे नही बल्कि इंटरनेशनल लेवल पे लाल चंदन की स्मग्लिंग करता है, उसने बहुत बड़ी डील की होती है जिसके सप्लाई को रोकने के लिए भंवर सिंह शेखावत किसी भी हद तक जाने को तैयार है. क्या पुष्पा का दुश्मन उसे रोक पायेगा? और वही कहानी मे जब पुष्पा के भाई की बेटी को लोग उठा के ले जाते हैं तब वो उसे कैसे बचा पाता है ये सब तो थियेटर मे मूवी देखने पे ही पता चलेगा.
कैसी है मूवी:
'पुष्पा फायर नही वाइल्ड फायर है' ये फिल्म का एक डायलॉग है और वाकई फिल्म मे पुष्पा का स्वैग वाइल्ड फायर ही है. इस मूवी मे एक चीज़ भर भर के है और वो है एंटरटेनमेंट ,एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट. फिल्म मे धमाकेदार एक्शन के साथ रोमांस, इमोशनल सीन्स भी हैं. तीन घण्टे, बीस मिनट की फिल्म मे आपको एक मिनट के लिए भी बोर नही फील होगा. अक्सर किसी भी फिल्म का सिक्वल और प्रिक्वल मे 19, 20 का फर्क होता है. लेकिन इस मूवी के सिक्वल के लिए भी लोगो मे उतना ही उत्साह है जितना की पहले पार्ट के लिए था. इस मूवी को देखने के लिए आपको कोई लॉजिक नही लगाना है केवल जो हो रहा है उसे देखते जाइये आपको मज़ा आयेगा.
एक्टिंग और निर्देशन:
मूवी के अहम किरदार अल्लू अर्जुन, रश्मिका मन्दाना और फ़हाद फ़ासिल ने अपना किरदार बखूबी निभाया है. अल्लू अर्जुन ने एक्टिंग के नये उचाइयों को छुआ है, दमदार एक्शन से उन्होंने ये साबित कर दिया है की पुष्पा फायर ही नही बल्कि वाइल्ड फायर है. रश्मिका मन्दाना ने भी उनके साथ अच्छा तालमेल बिठाया है. जहाँ पिछली बार उनकी भूमिका उतनी अहम नही थी वही इस बार उनकी किरदार की वजह से ही कहानी इतनी लंबी चली. शिखावत का रोल निभा रहे फ़हाद फ़ासिल ने भी जानदार एक्टिंग की है, उन्होंने विलेन का किरदार निभाते हुए मूवी मे अल्लू अर्जुन को पॉवर और दिमाग मे अच्छा खासा टक्कर दिया है.
सुकुमार द्वारा निर्देशित ये फिल्म एंटरटेनमेंट का पूरा पैकेज है, इसकी राइटिंग भी सुकुमार ने ही की है, हाला की कहानी बहुत दमदार तो नही है लेकिन मूवी मे बोर भी फील नही करेंगे. रिल्स स्क्रॉल् करने वाले आज के इस दौर मे दर्शकों को तीन घण्टे कुर्सी पे बिठाकर रखना आसान नही जो की इस फिल्म के निर्माताओं ने कर दिखाया.
म्युज़िक:
इस मूवी का नेगेटिव पॉइंट है इसके गाने, जहाँ पहले पार्ट मे गानो के लोग दीवाने हो गए थे , वही इस बार गाने ऐसे हैं की उन्हे बर्दाश्त करना भी मुश्किल है, खासकर के 'किसिक' सौंग.
रेटिंग - 4
कुल मिला जुला कर अगर आप अल्लू अर्जुन के बहुत बड़े फैन हैं और आपको इस मूवी का बेसब्री से इंतेज़ार था और आप एक्शन मूवी के दीवाने हैं तो आपको ये फिल्म जरूर पसन्द आयेगी.