बलरामपुर जिलें में मंगलवार को तुलसीपुर ब्लॉक के नैकिनिया गांव से एक मामला सामने आया यहाँ पर मनरेगा में चल रहें कामों की जांच करने पहुंचे फर्जी जांच अधिकारी को गाँव के लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया.
तुलसीपुर ब्लॉक के नैकिनिया के इस मालें में जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि युवक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का शोधार्थी है और शोध के लिए गांव में गया था. इसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया.
नैकिनिया के ग्राम प्रधान सोनू सिंह के मुताबिक़ इस युवक ने जांच अधिकारी बन आसपास के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कामों की जांच की और मंगलवार को जब उनसे संपर्क कर खुद को जांच अधिकारी बताया तो प्रधान ने उस युवक को मनरेगा का काम चलने वालें स्थलों का भ्रमण कराया. इसके बाद वह मनरेगा मजदूरों से काफी देर तक बात करता रहा तब ग्राम प्रधान को उसके फर्जी अधिकारी होने का संदेह हुआ तो प्रधान ने तुलसीपुर ब्लॉक के एपीओ आलोक सिंह को जानकारी दी. एपीओ ने ग्राम प्रधान को बताया कि शासन स्तर से कोई जांच नहीं होनी है.ऐसी कोई सूचना बीडीओ को प्राप्त नहीं है. इसके बाद गाँव के लोगों ने युवक को पकड़ कर मौके पर पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया.
तुलसीपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक सिंह ने बताया कि युवक के सभी अभिलेखों की जांच की गई तो पता चला की वह बलरामपुर जिलें का मूल निवासी है और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का शोधार्थी है और शोध के लिए गांव में गया था. प्रभारी निरीक्षक ने जानकारी दी कि अधिकार पत्र के साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बात की गई, इसके बाद उसे छोड़ दिया गया.