मदरसा शिक्षा बोर्ड ने बलरामपुर जिले के मदरसों में कामिल, फाजिल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की परीक्षा पर रोक लगा दी है। रोक का आदेश ऐसे समय जारी हुआ है, जब परीक्षा के लिए आवेदन ऑनलाइन कराए जा रहे थे। रोक के बाद कामिल और फाजिल के 1500 विद्यार्थी अब परीक्षा नहीं दे पाएंगे। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने कहा कि आगे अब कामिल और फाजिल का पठन-पाठन भी मदरसों में नहीं हो सकेगा।
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मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने 16 जनवरी को आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि अब न तो इन कक्षाओं की पढ़ाई होगी और न ही परीक्षाएं होंगी। अभी कामिल और फाजिल के विद्यार्थियाें को किसी विश्वविद्यालय से संबद्ध भी नहीं किया गया है। जनपद में 437 मान्यता प्राप्त और 25 सहायता प्राप्त मदरसे संचालित हैं, जिनमें आदेश लागू कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड द्वारा कामिल और फाजिल जैसी उच्च शिक्षा की परीक्षाएं आयोजित कराने के बाद पास होने पर छात्रों को उच्च शिक्षा की डिग्री दी जाती थी। लेकिन पांच नवंबर 2024 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसे कामिल, फाजिल जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री नहीं दे सकते। यह यूजीसी अधिनियम के विपरीत और असंवैधानिक है। कोर्ट का फैसला आने के दो माह बाद मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने 16 जनवरी को पढ़ाई और परीक्षा न कराने का आदेश जारी किया।
मदरसों को जारी किए निर्देश
मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार का पत्र आया है। इसमें उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराने को कहा गया है। जिले के सभी मदरसों को पत्र भेजा गया है। मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसे अब न तो कामिल, फाजिल की पढ़ाई करा सकते हैं और न ही परीक्षाएं आयोजित करा पाएंगे - यशवंत मौर्य, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बलरामपुर