उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से परिषदीय विद्यालय में विद्यार्थियों को खगोलीय विज्ञान की जानकारी देने के लिए नक्षत्रशाला का निर्माण हो रहा है। इसी क्रम में बलरामपुर जिले के सदर ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय कलवारी में एक नक्षत्र शाला बन रही है। इसके बाद अन्य परिषदीय स्कूलों में एक-एक नक्षत्र शाला तैयार की जाएगी। एक नक्षत्र शाला को बनाने में तकरीबन चार लाख रुपये खर्च होंगे। विद्यालय के 150 से अधिक बच्चों को ग्रहों व नक्षत्रों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलेगी।
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परिषदीय स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को नए तरीके से विज्ञान की शिक्षा देने की तैयारी की गई है। जिसके तहत प्रशासन ने कक्षाओं में नक्षत्र शाला खोलने की तैयारी की है। नक्षत्र शाला में बच्चे अब खगोलीय विज्ञान की जिज्ञासाओं को शांत कर सकेंगे। फिलहाल बलरामपुर जनपद के सदर ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय कलवारी में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए नक्षत्र शाला की शुरुआत की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता निरंकार पांडेय बताते हैं कि नक्षत्र शाला में बच्चों को सौरमंडल, ग्रह तथा सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी के बीच की दूरी आदि के बारे में मॉडल के सहारे जानकारी दी जाएगी। कौन सा ग्रह कितनी चाल से चलता है। साथ ही अन्य सौर मंडलीय गतिविधियों की जानकारी भी नक्षत्र शाला में दी जाएगी।
शीघ्र ही शुरू होगा संचालन
कंपोजिट विद्यालय कलवारी में नक्षत्रशाला तैयार करने में करीब चार लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। नक्षत्र शाला बनाने में राज्य वित्त की मद से खर्चा किया जा रहा है। शीघ्र ही निर्माण पूरा कराकर नक्षत्र शाला का संचालन शुरू करा दिया जाएगा - संजय कुमार, बीडीओ सदर विकासखंड, बलरामपुर