भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने प्रस्तावित गोरखपुर-शामली हाईवे को पानीपत (हरियाणा) से जोड़ने का फैसला किया है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए दिल्ली की एक फर्म का सलाहकार (कंसल्टेंट) के तौर पर चयन कर लिया गया है। जमीन पर सीमांकन का काम यही फर्म करेगी। यह छह लेन का प्रवेश नियंत्रित ग्रीनफील्ड हाईवे होगा।
यह भी पढ़ें : Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे ने इन विभिन्न तिथियों में निरस्त की चार स्पेशल ट्रेनें, जाने किन ट्रेनों का नाम हैं शामिल
उतर प्रदेश में बनने वाले इस हाईवे की लंबाई करीब 700 किमी होगी, जो उत्तर प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा। गोरखपुर से प्रारंभ होकर महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, और श्रावस्ती होते हुए बहराइच तक आएगा। उसके बाद लखनऊ और सीतापुर के उत्तर से होते हुए लखीमपुर जिले के मध्य से गुजरेगा। फिर पीलीभीत होते हुए बरेली और मुरादाबाद के उत्तर से भी गुजरेगा।
पानीपत तक विस्तारित किया गया यह हाइवे
एनएचएआई के उच्चपदस्थ अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभ में इस हाईवे को गोरखपुर से शामली तक बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब इसे पानीपत तक ले जाया जाएगा। इससे लंबाई में करीब 53 किमी की वृद्धि होगी। हरियाणा का यह औद्योगिक शहर यूपी के कई अपेक्षाकृत पिछड़े माने वाले शहरों से सीधा जुड़ जाएगा। यहां बता दें कि पानीपत टेक्सटाइल उद्योग का हब माना जाता है। वहां तक प्रवेश नियंत्रित हाईवे बनने से यूपी के इन जिलों को भी कारोबार के लिहाज से फायदा होगा।
कई पैकेज में कराया जाएगा काम
एनएचएआई मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली की आईसीटी फर्म इस हाईवे के लिए सीमांकन के साथ ही लागत का आकलन भी करेगी। डीपीआर बनने के बाद निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। निर्माण के लिए चयनित फर्मों को तीन साल के भीतर परियोजना को पूरा करना होगा। यह काम कंसल्टेंट की संस्तुति के आधार पर कई पैकेज में कराया जाएगा।