गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए अब फिर व्यक्तिगत अनुदान मिल सकेगा। लेकिन यह अनुदान सिर्फ दो बेटियों की शादी के लिए ही मिलेगा, अनुदान की राशि पूर्व की तरह 20 हजार ही तय की गई है। अभी तक सामूहिक विवाह योजना में भी विवाह कराया जाता था और शगुन के रूप में 35 हजार रुपये का अनुदान बेटियों के खाते में दिया जाता था। जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. राहुल गुप्त ने बताया कि अब दोनों योजना विभाग संचालित करेगा। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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दरअसल, व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना पिछले दो साल से बंद चल रही थी। इसे एक बार फिर से शुरू किये जाने से गरीब परिवारों में खुशी है। समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को मिलेगा। पिछड़े वर्ग के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से इस योजना का संचालन किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। प्रदेश सरकार समाज कल्याण विभाग के माध्यम से शादी अनुदान में गरीबों को उनकी बेटी के हाथ पीले करने के लिए 20 हजार रुपये देती थी।
साल 2021-22 तक इस योजना का संचालन हुआ इसके बाद सामूहिक विवाह योजना लागू होने के बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब शासन ने फिर से इस योजना को शुरू किया है। इस योजना के फिर से संचालित होने से अनुसूचित जाति, जनजाति और सामान्य वर्ग के अति दुर्बल परिवारों की बेटियों की शादी आसानी से हो सकेगी। शासन ने दो साल बाद फिर से बजट जारी किया है। योजना के तहत पात्र बेटियों के अभिभावकों को समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसकी जांच होगी और पात्र पाए जाने पर उनके बैंक खाते में 20 हजार भेजे जाएंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
शादी अनुदान योजना में ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक के परिवार की वार्षिक आय अधिकतम 46 हजार रुपये होनी चाहिए। नगरीय क्षेत्र के आवेदकों को वार्षिक आय अधिकतम 56 हजार रुपये होनी चाहिए। इसके लिए आय प्रमाणपत्र देना होगा। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के आवेदकों को तहसील की ओर से जारी जाति प्रमाणपत्र का क्रमांक अंकित करना जरूरी होगा।