बलरामपुर जिले में नवनिर्मित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के सेटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज के रूप में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। स्व० अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने के लिए शासन ने 95 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। लोक निर्माण विभाग लखनऊ को कार्य कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभाग ने निर्माण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की है।
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पिछले दिनों प्रयागराज महाकुंभ में हुए उत्तर प्रदेश की कैबिनेट बैठक में सेटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज घोषित किया गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह सौगात बलरामपुर जिले को दी थी और उसके बाद निर्माण कार्य कराने की तैयारी तेज हुई थी। सेटेलाइट सेंटर का निर्माण 85 करोड़ से बीते वर्ष 2022 में ही पूरा हो चुका था, लेकिन संचालन नहीं हुआ था। वर्ष 2023 से ही मेडिकल कॉलेज के रूप में मान्यता दिलाने की कवायद शुरू हुई थी।
शासन के अधिकारियों ने टीम ने उस समय निरीक्षण किया और कई नये कार्य कराने के सुझाव दिए। इसमें पढ़ाई के लिए विभागवार कक्षों का निर्माण कराने के साथ ही प्राचार्य आवास, छात्रावास का निर्माण शामिल था। अब जाकर इन कार्यों को कराने की स्वीकृति मिली है। निर्माण कार्य 18 महीनों में पूरा किया जाना है और 36 महीने तक उसकी देखरेख कार्यदायी संस्था के जिम्मे रहेगी। कार्यदायी संस्था का चयन इसी महीने हो जाएगा।
2026-27 शैक्षिक वर्ष से पढ़ाई की तैयारी
मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए जरूरी कार्य पूरा कराने के बाद मान्यता के लिए आवेदन किया जाएगा। शैक्षिक वर्ष 2026-27 में एमबीबीएस की 50 सीटों पर पढ़ाई कराने की तैयारी हो रही है। मान्यता की शर्तों को पूरा करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है। प्राचार्य की नियुक्ति भी हो चुकी है, अब भवनों के निर्माण और पद तय करने की कवायद हो रही है।
तेजी से पूरी की जा रही है प्रक्रिया
मेडिकल कॉलेज की कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद से तैयारियां पूरी की जा रही हैं। शासन की ओर से बजट जारी कर कार्यदायी संस्था का चयन करने की कार्रवाई हो रही है - प्रो. डॉ. राजेश कुमार द्विवेदी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज बलरामपुर