बलरामपुर जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत खगईजोत भरिया गांव में शनिवार को गैस सिलिंडर फटने से हुए हादसे में पुलिस जांच आगे नहीं बढ़ सकी है। कोतवाली देहात थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश सिंह ने बताया कि मामले की छानबीन की जा चुकी है। घायलों का अभी इलाज हो रहा है, उनके परिजनों की ओर से तहरीर मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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मामले की जांच में भारतीय पेट्रोलियम गोरखपुर परिक्षेत्र की टीम ने गैस सिलिंडर फटने से हादसा होने की बात को मानने से इन्कार किया है। पुलिस ने दो गैस सिलिंडर सील किए थे। अभी फाेरेसिंक टीम इसकी जांच कर रही है, रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। घर में भी हादसे के समय कोई अन्य ऐसी सामग्री नहीं मिली कि विस्फोट का कोई अन्य कारण स्पष्ट हो सके। फिलहाल पुलिस पूरे मामले में घायलों के ठीक होने और उनसे जानकारी करने का इंतजार कर रही है।
गैस सिलिंडर से हादसा होने पर 50 लाख तक की मिलती है आर्थिक मदद
नया एलपीजी गैस कनेक्शन लेने के साथ ही पर्सनल एक्सीडेंट कवर की व्यवस्था है। नए एलपीजी गैस कनेक्शन के साथ मिलने वाले पर्सनल एक्सीडेंट कवर के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं होता है। सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी विजय शंकर यादव बताते हैं कि इस कवर के अंतर्गत गैस के फटने या लीकेज होने से जो आग लगती है, उससे अगर भारी नुकसान होता है तो इस स्थिति में 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। गैस सिलिंडर के कारण होने वाले हादसे पर अधिकतम 50 लाख रुपये दिए जाते हैं। इसमें प्रति व्यक्ति अधिकतम 10 लाख रुपये तय हैं। वहीं हादसे में व्यक्ति की मौत होने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। यही नहीं हादसे में तत्काल मदद के लिए प्रति व्यक्ति 25 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा संपत्ति को होने वाले नुकसान के लिए भी एक लाख रुपये का मुआवजा मिलता है। एलपीजी गैस सिलिंडर के पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस को क्लेम करने के लिए आपको हादसे के बाद इसकी जानकारी गैस डीलर को देनी होगी। इसके अलावा पुलिस के पास जाकर इसकी शिकायत भी दर्ज करानी होती है।