गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे का अब नए सिरे से एलाइमेंट सर्वेक्षण शुरू हो गया है। अब यह एक्सप्रेस-वे नेपाल की सीमा से सटे जिलों से होकर लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ होकर शामली तक जाएगा। पहले हुए सर्वे में गोरखपुर से बस्ती, गोंडा, सीतापुर रूट था, लेकिन अब नए सिरे से इसका निर्धारण हो रहा है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से यूपी का पूरब और पश्चिमी हिस्सा सीधे जुड़ जाएगा। सात से आठ घंटे में गोरखपुर से शामली पहुंच जाएंगे।
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अभी इतना समय लखनऊ से बरेली जाने में ही लग जाते हैं। नेपाल की सीमा से जुड़े जिलों से होकर गुजरने के चलते इन इलाकों के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी। इससे इन इलाकों का व्यापार और कारोबार भी समृद्ध होगा।
एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक, मार्च तक एलाइमेंट सर्वे का काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे करीब 700 किमी लंबा होगा। सर्वे के बाद ही रूट का अंतिम निर्धारण तय हो पाएगा। पुराने सर्वे में यह एक्सप्रेस-वे 22 जिलों से होकर गुजर रहा था। अब कुछ जिलों का आंशिक हिस्सा भी आने से संख्या बढ़ सकती है।
यह हो सकता हैं नया रूट
प्रस्ताव के मुताबिक, गोरखपुर से महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और मेरठ होते हुए शामली को जोड़ेगा।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए एलाइमेंट सर्वे का काम चल रहा है। इसके बाद डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। सर्वे के बाद ही एक्सप्रेस-वे का रूट तय हो पाएगा - नवरत्न रोनका, परियोजना निदेशक रायबरेली, एनएचएआई