बलरामपुर पुलिस ने बलरामपुर जिले में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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15 फरवरी को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी। इसके बाद थाना हर्रैया की पुलिस ने तीन जगहों पर छापेमारी की। इन स्थानों में हरैया सतघरवा में अरुण ऑनलाइन सेंटर, ग्राम भड़सहिया में पाठक जनसेवा केंद्र और ग्राम गुलरिहा का एक ऑनलाइन सेंटर है।
आधार कार्ड अपडेट करने का करते थे काम
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी बिना वैध लाइसेंस के जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र बना रहे थे। साथ ही आधार कार्ड अपडेट का काम भी कर रहे थे।
थाना हरैया में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पहला मुकदमा सिद्धार्थ सरोज, मिथुन तिवारी, रमेश तिवारी और मनोज चौधरी पर दर्ज हुआ। दूसरा मुकदमा दिनेश पाठक और प्रदीप पाठक पर दर्ज किया गया। तीसरा मुकदमा शिवचरन यादव के खिलाफ दर्ज हुआ है।
अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी योगेश कुमार और क्षेत्राधिकारी ललिया ज्योतिश्री के निर्देशन में यह कार्रवाई हुई। प्रभारी निरीक्षक अभिषेक सिंह और SOG टीम ने आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों से लैपटॉप, प्रिंटर समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए। सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र बनाते थे। साथ ही आधार कार्ड को भी अवैध रूप से अपडेट करते थे। गिरोह के पास एक विशेष मुद्रा थी। जिसमें सिलिकॉन फिंगर इम्प्रेशन और आइरिस स्कैनर लगा था।
ओटीपी ऑपरेटर के नाम से लॉग-इन
आरोपी वेबसाइट पर ओटीपी ऑपरेटर के नाम से लॉग-इन करते थे। बिना किसी वैध दस्तावेज के प्रमाण पत्र बनाते थे। आधार कार्ड का अपडेशन सिर्फ बैंक या पोस्ट ऑफिस से ही होता है, लेकिन आरोपी पैसों के लिए यह काम अवैध तरीके से करते थे।
कुछ आरोपियों ने बताया कि उन्होंने 55,000 रुपए में लैपटॉप सहित पूरा सेटअप खरीदा था। इसमें नेटिव नाम का एप्लीकेशन पहले से इंस्टॉल था। इस एप्लीकेशन से आधार अपडेशन की वेबसाइट खुल जाती थी। आरोपी आधार कार्ड का डेटा बदलकर फर्जी आधार कार्ड बना देते थे। इस काम के लिए अतिरिक्त पैसे लेते थे और उसे आपस में बांट लेते थे।