सरकारी अस्पताल में पर्ची बनवाने के लिए लगने वाली लंबी कतारों से जल्द ही मरीजों को छुटकारा मिल जाएगा। बस एक क्यूआर कोड स्कैन करते ही ओपीडी के लिए मरीजों की पर्ची बन जाएगी। इससे न सिर्फ मरीजों का समय बचेगा, बल्कि उन्हें लंबी लाइनों में लगने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। इस माह के अंत तक जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा शुरू होने वाली है। इसके बाद जिला अस्पताल में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। इसी क्रम में अब ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों की पर्ची भी ऑनलाइन जारी करने की तैयारी की जा रही है। केवल काउंटर पर रखे क्यूआर कोड को स्कैन करते ही मरीज का पर्चा बन जाएगा। सरकारी अस्पतालों में क्यूआर कोड पर आधारित रैपिड ओपीडी रजिस्ट्रेशन शुरू होने से मरीजों को सहूलियत मिलेगी।
शासन की तरफ से क्यूआर कोड सिस्टम लागू करना सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाना है। अक्सर सरकारी अस्पतालों में मरीजों के सामने ओपीडी रजिस्ट्रेशन एक बड़ी समस्या होती है। क्योंकि मरीजों को डॉक्टर को दिखाने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है। नई प्रक्रिया के तहत अब पर्चा काउंटर पर लंबी लाइनों में लगकर पर्ची बनवाने की समस्या दूर हो जाएगी।
मरीजों को बनवानी होगी आभा आईडी
क्यूआर कोड से ओपीडी के लिए पर्ची निकालने के लिए मरीजों को पहले अपनी आभा आईडी बनानी होगी। आभा आईडी में मरीजों के स्वास्थ्य व निजी जानकारियां फीड की जाएगी। इसके बाद वह मरीज किसी भी अस्पताल में क्यूआर कोड से ओपीडी की पर्ची बनवा सकेंगे - डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी, सीएमओ