नकहा जंगल-बढ़नी-बलरामपुर-गोण्डा की 215 किलोमीटर लंबी रूट को डबल लाइन करने के लिए बोर्ड ने सर्वे की मंजूरी दे दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के प्रस्ताव पर बोर्ड ने मुहर लगाते हुए 4.3 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया है। इस रूट पर डबल लाइन हो जाने से ट्रेनों का संचालन और आसान हो जाएगा।
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वर्तमान में इस रूट पर एक दर्जन से अधिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं। सिंगल ट्रैक होने की वजह से इस रूट पर ट्रेनों लोड और नहीं बढ़ पा रहा है। यात्री ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों के संचालन की भी राह आसान हो जाएगी। इस रूट पर ट्रेनों के बढ़ते लोड को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने नकहा-बढ़नी-गोंडा तक डबल लाइन किए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा था।
रेलवे स्थापना के बाद से 1998 तक गोरखपुर-बढ़नी-गोंडा रूट पर मीटर गेज पर ट्रेनें दौड़ती थीं। इस रूट पर 1994 से ब्रॉड गेज लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया था। 1997 में काम पूरा होने के बाद 98 से ब्राड गेज लाइन पर ट्रेनें दौड़ने लगीं। उसके करीब 14 साल बाद इस रूट पर विद्युतीकरण का शुरू हुआ जो पांच साल में पूरा हो गया। 2019 से इसी रूट पर विद्युत इंजनों से ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया।
प्रमुख स्टेशनों के लिए इस रूट से जाती हैं ट्रेनें
गोरखपुर से बढ़नी रूट पर दिल्ली, मुम्बई के साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनें भी चलती हैं। गोरखपुर से दिल्ली जाने वाली सबसे अहम ट्रेन हमसफर है जबकि मुम्बई के लिए पनवले एक्सप्रेस रोजाना चलती है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि जब गोरखपुर-बस्ती रूट पर कोई ब्लाक होता है तो बढ़नी रूट पर ही अधिकतर ट्रेनें डायवर्ट कर दी जाती हैं।
नकहा जंगल-बढ़नी-बलरामपुर-गोण्डा को डबल लाइन करने के लिए सर्वे की मंजूरी मिली है। इसके लिए कुल 4.3 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया गया है - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ