पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर के नकहा जंगल वाया बलरामपुर से गोंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। करीब छह महीने में दोहरीकरण के लिए सर्वे का कार्य पूरा होगा। दोहरीकरण का कार्य होने से बलरामपुर से गोंडा रेलमार्ग के बीच पड़ने वाली रेलवे क्राॅसिंग पर ओवरब्रिज निर्माण की राह भी आसान हो सकेगी। अभी एकल रूट होने से ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
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रेल लाइन का दोहरीकरण होने से बलरामपुर जिले के रेल यातायात में बड़े बदलाव भी दिखेंगे। बलरामपुर से गोंडा रेलमार्ग पर चार स्थानों पर रेलवे क्राॅसिंग पड़ती है, जिस पर ओवरब्रिज न होने से सड़क मार्ग का यातायात भी प्रभावित होता है। 45 किमी लंबे रेलमार्ग पर शहर के झारखंडी के साथ ही बहादुरापुर, सुभागपुर और सुभागपुर माल गोदाम के पास रेलवे क्रॉसिंग है। सुबह से लेकर रात तक कई बार ट्रेन और मालगाड़ियों के गुजरने पर रेलवे फाटक बंद होते हैं, उस समय वाहनों का जाम लग जाता है।
सबसे लंबा जाम झारखंडी और गोंडा मार्ग पर गोंडा सुभागपुर मालगोदाम रेलवे क्राॅसिंग पर होता है, जिसमें नौकरी पेशा वालों के साथ ही आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि दोहरीकरण के सर्वे की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, इसके बाद कार्ययोजना तैयार की जाएगी।