बलरामपुर शहर को राप्ती नदी की बाढ़ से बचाने के लिए बांध की मरम्मत कराने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। 39 करोड़ रुपये से बरसात से पहले क्षतिग्रस्त बांध की नौ स्थानों पर मरम्मत कराई जाएगी। शहर की एक लाख आबादी काे राप्ती नदी की बाढ़ से हर साल यह बांध बचाता है।
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बलरामपुर नगर की उत्तर-पूर्व दिशा में राप्ती नदी की बाढ़ से बचाने के लिए वर्ष 1980 में 21 किलोमीटर लंबे बांध का निर्माण कराया गया था। इसमें तीन किलोमीटर का गैप है। यह बांध हर साल राप्ती नदी की बाढ़ से शहर को तबाह होने से बचाता है। पिछले साल राप्ती नदी की बाढ़ से कई स्थानों पर बांध क्षतिग्रस्त हो गया था। उत्तर दिशा में ज्योनार गांव के पास बांध कटने से शहर के कई मोहल्लाें में बाढ़ का पानी भर गया था। मेवालाल पुलिस चौकी के साथ नई बस्ती, पहलवारा, सिविल लाइन व श्याम विहार कॉलोनी में भी नदी का पानी भर गया था।
बांध के 13.57 किलोमीटर से 14.3 किलोमीटर तक, 6.45 किलोमीटर से 6.62 किलोमीटर तक, 7.12 किलोमीटर से 7.52 किलोमीटर तक व आठ किलोमीटर से 8.4 किलोमीटर तक मरम्मत का काम होना है। बांध के 8.7 किलोमीटर से 9.3 किलोमीटर व 13.2 किलोमीटर से 13.55 किलोमीटर तक मरम्मत की योजना तैयार की गई है। नीलकोठी अचलापुर में 800 मीटर और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय ग्रामीण के पास 700 मीटर गैप भरा जाना है। बांध पर जीरो से 880 मीटर तक, 9.3 किलोमीटर से 11.81 किलोमीटर तक और 14.3 किलोमीटर से 15.75 किलोमीटर तक मरम्मत होगी। बांध के 15.78 किलोमीटर से 21 किलोमीटर तक मरम्मत कराई जाएगी। इन सभी कार्यों पर करीब 39 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बलरामपुर शहर को राप्ती नदी की बाढ़ से बचाने के लिए बांध की मरम्मत कराने की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश बाढ़ खंड के अफसरों को दिए गए हैं। बरसात से पहले क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत कराने के साथ गैप भरने का काम पूरा कराने का निर्देश दिया गया है - पवन अग्रवाल, डीएम बलरामपुर