उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के पार्वती अरगा पक्षी विहार में रविवार को विश्व आर्द्र भूमि दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिकरी जंगल को ओपन सफारी के रूप में विकसित करने की सौगात दी। पार्वती अरगा पक्षी विहार को भी ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ओपन सफारी से कनेक्टिविटी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। पार्वती अरगा वेटलैंड को सरयू नहर परियोजना से जोड़ा जाएगा।
यह भी पढ़ें : Balrampur News: कार और ट्रक के बीच हुई टक्कर, कार चालक की मौत
मुख्यमंत्री ने कहा, पार्वती अरगा प्राकृतिक झील है। मुझे यहां पहली बार आने का अवसर मिला है। यह झील भारत की उस विरासत की प्रतीक है जो घाघरा व सरयू नदी के कारण सैकड़ों वर्ष पूर्व प्राकृतिक रूप में बनी और आज भी मौजूद है। अथर्ववेद का श्लोक सुनाते हुए सीएम ने कहा कि धरती हमारी माता है, वह हमें पालती है। हम सब उसके पुत्र हैं। ऐसे में हम सबका इसके प्रति दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि वेटलैंड अक्सर अतिक्रमण की चपेट में आ जाती है। बेतरतीब निर्माण होने लगता है। इससे पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है। इस कारण बहुत से जीव नष्ट हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखकर रामसर साइट में वर्ष 1971 में यह तय हुआ था कि दुनिया को बचाना है तो हमें वेटलैंड पर ध्यान देना होगा। ऐसे में इनके संरक्षण को लेकर सभी को प्रयास करने की जरूरत है।
अयोध्या से मात्र 20 किमी की दूरी
अयोध्या के पर्यटन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर अयोध्या है। वहां की व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया। कनेक्टिविटी बढ़ाई। वर्ष 2016 में अयोध्या में मात्र 2.35 लाख श्रद्धालु आए। 2024 में यह संख्या 16.11 करोड़ हो गई। पर्यटन जब बढ़ा तो वहां पर रोजगार बढ़ा। पर्यटकों के आने से गाइड, रेस्त्रां, टैक्सी, होम स्टे, टेंट सिटी, फूल-पत्ती व्यवसाय से जुड़े क्षेत्र में काफी संख्या में रोजगार सृजित हुए।
मुख्यमंत्री ने पार्वती अरगा पक्षी विहार में प्रवासी पक्षियों को देखा। विशेषज्ञों से जानकारी हासिल की। विभिन्न विभागों के स्टालों का अवलोकन किया। कार्यक्रम में रामसर फैक्ट बुक, पार्वती अरगा एकीकृत प्रबंधन योजना व वन टांगिया संघर्ष से सशक्तिकरण पुस्तक का विमोचन किया।