यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षा इस बार वॉयस रिकॉर्डर और सीसीटीवी की निगरानी में होगी। परीक्षा के दौरान लगाए जाने वाले परीक्षकों को अपने साथ आधार कार्ड अथवा मान्य पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। इस पहचान पत्र की एक कॉपी संबंधित स्कूल को प्रधानाचार्य के पास जमा होगी। प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए 97 विद्यालयों को केंद्र बनाया गया है, वहीं पर परीक्षा करानी होगी।
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बोर्ड परीक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षा में मनमानी की रोकथाम के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कई तरह के बदलाव किए हैं। बलरामपुर जिले में 09 फरवरी से होने वाले प्रयोगात्मक परीक्षाएं 16 फरवरी तक पूरी होंगी। प्रायोगिक परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सुरक्षा के इंतजाम सख्त किए गये हैं। परीक्षकों पर इस बार कड़ी नजर रहेगी। परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों की प्रयोगात्मक परीक्षा के बाद यूपी बोर्ड के एप पर ही परीक्षार्थियों को दिए जाने वाले अंक भी दर्ज करने होंगे। परीक्षक के विद्यालय से बाहर निकलते ही एप काम करना बंद कर देगा। इसके लिए एप को विद्यालय के जीओ टैग से कनेक्ट किया गया है।
निगरानी के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती
प्रायोगिक परीक्षाओं के निगरानी के लिए 09 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गये हैं। 09 ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त जिन अध्यापकों की परीक्षक के तौर पर ड्यूटी लगायी गयी है उनके संबंध में भी परीक्षा से पहले छानबीन की जा रही है। डीआईओएस मृदुला आनंद ने बताया कि प्रयोगात्मक परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है और यूपी बोर्ड को रिपोर्ट भेज दी गई है।