जिलें में भ्रष्टाचार और घूसखोरी की बढ़ रही शिकायतों पर नियंत्रण के लिए शासन ने बड़ा कदम उठाया है। बलरामपुर और श्रावस्ती में अभी तक घूसखोरी पर निगरानी की व्यवस्था नहीं थी। शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निवारण (एंटी करप्शन) थाना गोंडा की टीम ही जिलों में कार्रवाई करती थी। अब ऐसा नहीं होगा, भ्रष्टाचार और घूसखोरी पर नजर रखने के लिए 14 मार्च को मुख्यमंत्री के निर्देश पर दोनों जिलों में इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित की गई हैं।
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बलरामपुर में तीन और श्रावस्ती में चार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। श्रावस्ती में एक उपनिरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी और दो सिपाही की तैनाती हुई है। बलरामपुर में अभी एक मुख्य आरक्षी और दो सिपाही तैनात किए गए हैं। एक उपनिरीक्षक की तैनाती भी जल्द ही होगी। सादे कपड़े में पुलिस कर्मी जिले में सक्रिय रहेंगे और घूसखोरी की संभावना की स्थिति पर कार्रवाई करेंगे। इंटेलिजेंस यूनिट (अभिसूचना इकाई) के कर्मी सरकारी कार्यालयों में जाकर गोपनीय सूचनाएं संकल्ति करेंगे और फिर घूसखोरी करने वालों को टैप (पकड़ने) की रणनीति तैयार करेंगे। जाल बिछाकर घूसखोरी करने वालों को पकड़ेंगे। दोनों जिलों की टीम गोंडा के एंटी करप्शन थाने से जुड़ी रहेगी। घूसखोरी के मामलों की एफआईआर और विवेचना की कार्रवाई थाने से ही होगी।
14 मार्च को मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने दोनों जिलों में इंटेलिजेंस यूनिट स्थापित की है। घूसखोरी से जुड़ी गोपनीय जानकारी जुटाने के लिए यूनिट के पुलिस कर्मी सक्रिय रहेंगे और सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। दोनों यूनिट थाने से ही जुड़ी रहेंगी - धनंजय सिंह, प्रभारी निरीक्षक एंटी करप्शन थाना गोंडा