राप्ती नदी की बाढ़ से बलरामपुर शहर को सुरक्षित रखने के लिए 39 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी की जा रही है। बरसात से पहले क्षतिग्रस्त मेवालाल तालाब-धुसाह (एमएलटीडी) बांध और गैप भरने पर धनराशि खर्च होनी है। बांध दुरुस्त न होने पर शहर की डेढ़ लाख आबादी पर बाढ़ का संकट गहराएगा। शहर के मोहल्ले और आसपास के गांवों में हर वर्ष राप्ती नदी की बाढ़ का पानी आता है, जिससे लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है।
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शहर को बाढ़ से बचाने के लिए वर्ष 1980 में 21 किलोमीटर लंबे मेवालाल तालाब-धुसाह तटबंध का निर्माण कराया गया था, जो राप्ती नदी की बाढ़ से शहर को बचाने में सुरक्षा कवच का काम करता है। बांध में तीन किलोमीटर का गैप है, जिससे हर साल राप्ती नदी की बाढ़ का पानी शहर में तबाही मचाता है। पिछले साल राप्ती नदी की बाढ़ से बांध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। गैप भरने के साथ क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत बरसात से पहले करानी होगी।
पिछले साल राप्ती नदी की बाढ़ से सदर ब्लॉक के ग्राम बेलवा सुल्तानजोत के मजरा भ्यूरी के पास धुसाह से जाने वाली सड़क पर बांध कट गया था। इसके बाद श्याम विहार कॉलोनी, पहलवारा, सिविल लाइन, अचालापुर व नई बस्ती सहित बलरामपुर शहर के कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया था। झारखंडी मंदिर के पास सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा था। श्याम विहार और पहलवारा मोहल्ले में कुछ दिनों तक नाव चलानी पड़ी थी। राप्ती नदी की बाढ़ का पानी विकास भवन और एसपी कार्यालय के साथ छोटा धुसाह गांव में भी भर गया था। मोहल्ला पहलवारा के सभासद का कहना है कि प्रशासन की तरफ से शहर को बाढ़ से बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
अभी तक नहीं शुरू हुआ मरम्मत का काम
सदर ब्लॉक के ग्राम बेलवा सुल्तानजोत के मजरा भ्यूरी निवासी मोनू, उदय प्रताप, मंगल देव, राम लखन, विक्रम व गनवरिया निवासी कृष्ण कुमार बताते हैं कि अभी तक बांध की मरम्मत का काम शुरू नहीं किया गया है।
बजट मिलने पर तुरंत कराया जाएगा काम
एमएलटीडी बांध की मरम्मत व गैप भरने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। बजट मिलने पर तुरंत कार्य शुरू करा दिया जाएगा - संजय कुमार, अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड