बलरामपुर जिलें में बाढ़ से बचाव के इंतजाम के लिए कोड़री घाट पुल से सिसई घाट पुल तक 142 करोड़ रुपये की लागत से करीब 15 किलोमीटर लंबा पक्का तटबंध बनने का रास्ता साफ हो सकता है। विभाग ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। यह तटबंध बलरामपुर देहात के 18 गांवों, साथ ही शहर और अन्य आसपास के क्षेत्रों को राप्ती नदी की बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करेगा। राप्ती नदी की बाढ़ की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग तुलसीपुर पर हर वर्ष आवागमन बाधित हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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राप्ती नदी का चेतावनी बिंदु 103.620 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 104.620 मीटर है। इन स्तरों के बढ़ने से न केवल गांवों में तबाही होती है, बल्कि बाढ़ के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग बलरामपुर-तुलसीपुर पर कालीथान गांव के पास आवागमन ठप हो जाता है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य और बलरामपुर देहात के प्रधान प्रतिनिधि बलजीत पांडेय का कहना है कि इस पक्के तटबंध के निर्माण से राप्ती नदी की बाढ़ से बचाव होगा। यदि बरसात से पहले तटबंध का निर्माण हो जाता है, तो शहर की डेढ़ लाख और गांवों की 75 हजार से अधिक आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। प्रधान जगजीवन और लक्ष्मी ने भी इस तटबंध के निर्माण को समय से पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद
राप्ती नदी के किनारे कोड़री घाट से सिसई घाट पुल तक पक्के तटबंध के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से इस प्रस्ताव की जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे समय रहते तटबंध का निर्माण शुरू किया जा सके - प्रदीप कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व