बलरामपुर जिले के सदर तहसील स्थित बेला गांव के 10 किसानों की 50 बीघे जमीन पिछले वर्ष राप्ती नदी के कटान में समा गई थी। गांव से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर राप्ती नदी बह रही है। गांव के 80 घरों पर कटान का संकट गहराया है। बरसात से पहले राप्ती नदी के किनारे कटानरोधी कार्य न होने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ेगी।
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ग्राम पंचायत बेला के प्रधान प्रतिनिधि उमेश यादव बताते हैं कि पिछले वर्ष राप्ती नदी कटान करके गांव के पास पहुंच गई है। विजय राज का 10 बीघे, रामनरेश का 10 बीघे, उदयचंद का दो बीघे, उदय भान का तीन बीघे, रईस का तीन बीघे, भगत राम का चार बीघे, उमानाथ की चार बीघे, शफीक की चार बीघे और अलाउद्दीन की तीन बीघे जमीन राप्ती नदी कटान करके निगल चुकी है। यदि बरसात से पहले कटानरोधी कार्य नहीं कराया गया तो गांव के 80 से अधिक घरों पर कटान का संकट गहराएगा।
बरसात से पहले कटानरोधी कार्य कराने के निर्देश
बलरामपुर जिले में राप्ती नदी के कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारियों को बरसात शुरू होने से पहले कटानरोधी कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि काम में लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई की जाएगी - प्रदीप कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व