बलरामपुर पुलिस ने एक महिला की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दअरसल, मुख्य आरोपी सुनील और मृतका शीलम के बीच ढाई साल से प्रेम संबंध था। यह घटना 25 फरवरी की है। आरोपियों ने शीलम को बस्ती के पटेल नगर स्थित कुटियाज रेस्टोरेंट में खाना खिलाने के बहाने बुलाया। सुनील गाड़ी चला रहा था। राम गोपाल और जवाहर लाल पीछे बैठे थे। शीलम सनील के बगल में बैठी थी। नहर के पास ही सड़क पर शीलम को लेटाकर कार चढ़ा दी।
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राम गोपाल ने शीलम के गले में बेल्ट कस दिया। जवाहर लाल ने उसके हाथ पकड़ लिए और सुनील ने मुंह दबा दिया। बेहोश होने के बाद उसकी दुपट्टे से गला घोंट कर हत्या कर दी। आरोपियों ने लाश को चौबेपुर की नहर के पास सड़क पर लेटाकर कार चढ़ा दी। ताकि हत्या को दुर्घटना का रूप दिया जा सके।
जांच को भटकाने के लिए आरोपियों ने मृतका का मोबाइल दिल्ली जाने वाली ट्रेन में रख दिया। उन्होंने सोचा कि लोगों को लगेगा कि शीलम दिल्ली काम करने चली गई है। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कार और अन्य सामान बरामद कर लिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
26 फरवरी को सुबह 6:30 बजे ग्राम प्रहरी राजाराम को महुवा-चौबेपुर नहर की पक्की सड़क के किनारे एक महिला का शव मिला। प्रथम दृष्टया यह मामला सड़क दुर्घटना का लग रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण गला दबाना सामने आया।
जांच में पता चला कि सुनील की शादी 7 साल पहले हो चुकी थी। उसका एक बेटा भी है। उसने शीलम को बस्ती शहर में किराए का कमरा दिला रखा था। शीलम लगातार सुनील पर शादी का दबाव बना रही थी। समाज में बदनामी और पहली पत्नी से विवाद के डर से सुनील और उसके साथियों ने शीलम की हत्या की योजना बनाई।
27 मार्च को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शिवाघाट की तरफ से आ रही एक वैगनआर कार को रोका। कार में सवार सुनील कुमार ठाकरे, गोपाल और जवाहर लाल ने पूछताछ में हत्या करना स्वीकार किया। आरोपियों ने घटना को सड़क दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की। मृतका का मोबाइल दिल्ली जाने वाली ट्रेन में रख दिया। पुलिस ने इटवा-बांसी मार्ग के पुल के पास से हत्या में प्रयुक्त चमड़े की बेल्ट, स्टोल और एक जोड़ी चप्पल बरामद की है।