बलरामपुर जिलें में बारिश और बाढ़ से बदहाल हुईं 34 सड़कों की मरम्मत जापानी तकनीक से कराई जाएगी। इस पर 5.54 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमेशन) तकनीक से मरम्मत होने के बाद लंबे समय तक सड़कें खराब नहीं होंगी। सड़कों की मरम्मत के बाद सवा लाख से अधिक लोगों का सफर आसान होगा।
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पूर्वांचल विकास निधि योजना से खुटेहना के मजरा खटीकनडीह में 13.55 लाख, समगरा से गुर्गीगंज सभाजोत तक 24.10 लाख, फरेंदा गांव में 10.26 लाख और हरिहरगंज-ललिया मार्ग से हरिहरगंज में स्थित पीएचसी तक 8.41 लाख रुपये से जापानी तकनीक से सीसी रोड का निर्माण कराया जाएगा। 10.33 लाख रुपये से ग्राम शेखरपुर, 3.37 लाख से ग्राम बरदगवा व 22.95 लाख से ग्राम पिपरा याकूब के मजरा कौवापुर में दुर्गा मंदिर के पास सीसी रोड का निर्माण होगा। ग्राम मनियरिया में 22.95 लाख, ग्राम शाहपुरइटई के मजरा नवाबजोत में 15.45 लाख और ग्राम भिरवा के मजरा गड़ेरियनपुरवा में 18.81 लाख से सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी।
ग्राम शाहपुरइटई में 16.88 लाख, ग्राम मधपुर के मजरा नियामतजोत में 23.81 लाख, ग्राम देवरहा मैनहा में काली माता स्थान के पास 15.42 लाख, ग्राम ग्वालियरग्रिंट में 19.15 लाख, तुलसीपुर ब्लॉक के ग्राम धनौढ़ा में पठानजोत पुल से धनौढ़ा पुल तक 28.03 लाख व श्रीनगर कठुवा में 23.81 लाख से इंटरलॉकिंग कराई जाएगी। ग्राम अंधरीजोत में 21.39 लाख व ठड़क्की बनघुसरी में 23.56 लाख से सीसी रोड व पुलिया का निर्माण कराया जाएगा। ग्राम खैरहनिया में 12.73 लाख, ग्राम रहमरवा सहजना में 13.13 लाख, ग्राम कठेर में 12.80 लाख, ग्राम सुस्ता में 11.01 लाख, ग्राम मनकी में 18.10 लाख, ग्राम मोतीपुर कुड़ोहा में 13.93 लाख, ग्राम बनगाई के मजरा रनियापुर में 25.75 लाख व ग्राम आदमतारा में 7.94 लाख रुपये से सीसी रोड का निर्माण होगा।
ग्राम लुधौरी मंसुरवा में 6.84 लाख, ग्राम बरांव में 7.80 लाख, ग्राम ज्योनार में 7.56 लाख, ग्राम दांदव में 14.76 लाख, ग्राम हाथीगर्दा रतोही में 21.70 लाख और ग्राम काशीपुर में 22.06 लाख रुपये से सीसी रोड बनेगी। ग्राम मिश्रौलिया में 27.18 लाख व ग्राम नेवलगंज में 8.45 लाख से सड़कों का कायाकल्प होगा।
ऐसे होगी सड़क की मरम्मत
एफडीआर तकनीक के तहत जिस सड़क का निर्माण होना है, उसका तीन सेंटीमीटर गहराई तक मशीन से मल्बा उखाड़ कर घोल बनाया जाएगा। सड़क का मल्बा, सीमेंट व मिट्टी के साथ ही केमिकल का घोल बनाया जाएगा। तैयार घाेल को तोड़ी गई सड़क पर गिराकर मशीन से दबा दिया जाएगा।
एफडीआर तकनीक से निर्माण व मरम्मत से सड़क लंबे समय तक टिकाऊ और मजबूत रहती है। इस तकनीक से सड़क पर लंबे समय तक गड्ढे नहीं होंगे - कमल किशोर, एक्सईएन ग्रामीण अभियंत्रण