अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुप्रसिद्ध बलरामपुर जिले के शक्तिपीठ देवीपाटन धाम को भव्य पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने 26 करोड़ 48 लाख 34 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस धनराशि से 250 बीघे भूमि की खरीद कर देवीपाटन मंदिर के चारों ओर पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
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देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु अब देवीपाटन धाम में मां पाटेश्वरी की पूजा-अर्चना के साथ पर्यटन सुविधाओं का भी आनंद ले सकेंगे। मां पाटेश्वरी तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के गठन के साथ ही मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर की तर्ज पर देवीपाटन धाम में भी भव्य कॉरीडोर निर्माण की योजना बनाई गई है। मां पाटेश्वरी तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद द्वारा तैयार इस परियोजना में कुल 120 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है।
देवीपाटन धाम में प्रस्तावित प्रमुख कार्य
पर्यटन विकास व सौंदर्यीकरण – 15 करोड़
मंदिर परिसर में पार्किंग – 10 करोड़
सूर्यकुंड जीर्णोद्धार – 5 करोड़
ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था – 15 करोड़
तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र – 24 करोड़
कैफेटेरिया और कॉरीडोर – 20 करोड़
अन्य पर्यटन सुविधाएं – 16 करोड़
विद्युत उपकेंद्र व बाहरी विद्युतीकरण – 15 करोड़
स्थापत्य कला में झलकेगी पौराणिक छवि
कॉरीडोर डिज़ाइन में मंदिर परिसर के पीछे स्थित तालाब को ‘रिवर फ्रंट’ के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही मंदिर के अंदर और बाहर नागर (उत्तर भारतीय), द्रविड़ (दक्षिण भारतीय) और वेसर (मध्य भारतीय) स्थापत्य शैलियों की सजावट से इसे सजाया जाएगा, जो पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करेगी।
शक्तिपीठ देवीपाटन धाम तुलसीपुर में पर्यटन विकास के लिए 250 बीघा भूमि खरीद की तैयारी की जा रही है। शासन से इसके लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है – मनीष श्रीवास्तव, जिला पर्यटन सूचना अधिकारी