उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में तमाम अटकलों के बाद आखिरकार गोंडा-लखनऊ राजमार्ग पर 14.10 किलोमीटर लंबे बाईपास के निर्माण की मंजूरी मिल गई है। 896 करोड़ 54 लाख रुपये की स्वीकृति की जानकारी शनिवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दी है। इस बाईपास के निर्माण से करनैलगंज की दो रेलवे क्रॉसिंगों पर लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।
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दरअसल, पूर्व में किए गए सर्वे को दरकिनार करते हुए नए सर्वे के आधार पर बाईपास निर्माण को मंजूरी मिली है। पहले इस बाईपास को भंभुआ से बरगदी, कटरा शाहबाजपुर, मुंडेरवा, सकरौरा ग्रामीण कादीपुर के बाद गोनवा में गोंडा-लखनऊ मार्ग से मिलाने की योजना थी। अब इस बाईपास को भंभुआ से पांच किलोमीटर दूर ग्राम अहिरौरा के पास भुलियापुर मोड़ से निकालकर अहिरौरा, पचमढ़ी होते हुए भंभुआ, पारा, कटरा शाहबाजपुर, मुंडेरवा, कचनापुर, सकरौरा ग्रामीण, करनैलगंज ग्रामीण, कादीपुर से गोनवा के पास निकालने का रास्ता साफ हो गया है। करनैलगंज में बाईपास की परियोजना को परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 330-बी पर बनने वाले इस बाईपास की लंबाई 14.10 किमी होगी। इसे फोरलेन बनाया जाएगा। इस रूट पर सरयू नदी पर पुल बनाने का भी प्रस्ताव है। कुल 896 करोड़ 54 लाख रुपये की लागत से यह निर्माण कार्य हाईब्रीड एन्युइटी मोड के तहत किया जाएगा। इस योजना में भूमि अधिग्रहण और अन्य निर्माण व पूर्व गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। साथ ही, इस बाईपास पर छह लेन की संरचनात्मक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस फोरलेन बाईपास निर्माण के लिए हाल में ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सर्वे के बाद डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजी थी। मंत्रालय से भी स्वीकृति मिलने के बाद अब फोरलेन बाईपास का रास्ता साफ हो गया है। इस बाईपास के निर्माण से देवीपाटन मंडल के गोंडा के साथ ही बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती के लोगों को भी आवागमन की सुविधा मिलेगी।
एनएचएआई के एक्सईएन राजकुमार पिथौरिया ने बाईपास निर्माण की स्वीकृति की पुष्टि करते हुए बताया कि 14.100 किलोमीटर लंबे बाईपास की जद में 15 गांव आएंगे। 466.54 करोड़ रुपये निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। शेष धनराशि अलग-अलग मद में खर्च की जाएगी। जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।