सुआंव (सुभाषिनी) नदी के फ्लड जोन में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। यह रोक राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली के आदेश पर लागू की गई है। अब नगर पालिका सीमा में सुआंव नदी के पास 200 मीटर और पालिका सीमा से बाहर 500 मीटर की दूरी पर ही निर्माण कार्य किया जा सकेगा।
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बलरामपुर डीएम पवन अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को डीएम ने बताया कि एनजीटी नई दिल्ली में ओरिजिनल एप्लीकेशन नंबर-433/2022 में पाटेश्वरी प्रसाद सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य के मामले में यह आदेश पारित किया गया है।
सुआंव नदी के कैचमेंट क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण जब भी वर्षा होती है। नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो जाती है। जलस्तर बढ़ने से तटबंध न होने के कारण आसपास के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिससे भारी जनहानि और संपत्ति का नुकसान होता है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुपालन में डीएम ने सुआंव नदी के फ्लड प्लेन जोन का निर्धारण कर दिया है। इस निर्धारित सीमा में अवैध निर्माण किए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
120 किमी लंबाई तक फैली नदी
सुआंव नदी बलरामपुर और श्रावस्ती जनपद की सीमा पर स्थित ग्राम गोपियापुर से निकलती है और यह राप्ती नदी की प्रमुख सहायक नदी है। सुआंव नदी का बेसिन क्षेत्रफल 320.61 वर्ग किमी और इसकी लंबाई 120 किमी है। नदी जीरो से 94.5 किमी. तक ग्रामीण क्षेत्र, 94.5 से 100.6 किमी. तक शहरी क्षेत्र और 100.6 से 120 किमी तक फिर से ग्रामीण क्षेत्र में बहती है। यह नदी कई झीलों को जोड़ते हुए बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जनपद की सीमा पर स्थित ग्राम रसूलाबाद के पास राप्ती नदी में मिलती है।