देवीपाटन मंडल के चारों जिलों के 167 महाविद्यालयों में मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय, बलरामपुर के नियमों को लागू किए जाने की तैयारी तेज हो गई है। अभी दोहरी व्यवस्था लागू होने से असमंजस्य की स्थिति है। इसे दूर करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन को समितियों के गठन का प्रस्ताव भेजा है। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने कहा कि समिति का गठन उत्तर प्रदेश शासन से होना है।
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मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को भेजे गए प्रस्ताव में विश्वविद्यालय की कार्य परिषद के साथ ही विभिन्न कार्य के लिए गठित की जाने वाली समितियों की अधिसूचना जारी किए जाने की मांग की गई है, जिससे महाविद्यालयों में परीक्षा के पैटर्न, पाठ्यक्रम, पढ़ाई की व्यवस्था, शिक्षकों की सेवा से जुड़े कार्य समेत अन्य प्रक्रिया शुरू करने में आसानी हो सके।
साथ ही महाविद्यालयों से समन्वय स्थापित करने के लिए जूम मीटिंग भी कुलपति ने शुरू की है, ताकि किसी तरह की आशंका को तत्काल दूर किया जा सके। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्य को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए चरणबद्ध प्रयास हो रहे हैं। उम्मीद जताई कि शासन से इसी महीने तक समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद आगे के कार्य तेजी से पूरे होंगे।
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से बना रहे हैं समन्वय
मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय को प्रदेश में मॉडल विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की रूपरेखा कुलपति ने तैयार की है। वह लगातार देश के कई नामी विश्वविद्यालयों से समन्वय स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए नया विभाग या पाठ्यक्रम संचालित है, उसकी जानकारी की जा रही है ताकि स्थानीय आवश्यकता के आधार पर उसे लागू किया जाए। बताया कि युवाओं को शिक्षा के साथ ही हुनरमंद बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से हुई भेंट में मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय के कार्यों के बारे में जानकारी दी।