पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वाकांक्षी खलीलाबाद- बहराइच नई रेल लाइन परियोजना संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच समेत पांच जनपद को जोड़ेगी। 1148 हेक्टेयर भूमि पर 241.6 किमी लंबी बिछने वाली यह नई रेल लाइन न सिर्फ यातायात की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र के लोगों का आवागमन सुगम बनाएगी, बल्कि रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ क्षेत्र का विकास भी करेगी। इस रेल लाइन का निर्माण कार्य तीन चरण में पूरा होगा। प्रथम चरण में खलीलाबाद से बांसी तक 54.40 किमी रेल लाइन का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। वर्ष 2027 तक प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।
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प्रथम चरण में खलीलाबाद से बांसी तक रेल लाइन निर्माण के लिए 237 हेक्टेयर भूमि चिन्हित किया गया है। इसमें 203 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है, अधिग्रहीत भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा है। शेष 34 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण अंतिम चरण में है। इसके लिए 20 ए और ई का प्रकाशन हो चुका है। दूसरे चरण में बांसी से श्रावस्ती तक 115 किमी रेल लाइन के लिए 569 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।
तीसरे चरण में श्रावास्ती से बहराइच तक 72.20 किमी रेल लाइन निर्माण के लिए 342 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। बहराइच जिले के सभी गांवों की भूमि के 20 ई का प्रकाशन हो चुका है। श्रावस्ती जनपद के इकौना व जमुनहा तहसील के अंतर्गत आने वाले गांवों के 20 ए का प्रकाशन हो चुका है। रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल इस रेल लाइन के निर्माण की भी प्रक्रिया तेज हो गई है। निर्माण कार्यों के साथ भूमि का अधिग्रहण भी तेजी के साथ की जा रही है।
160 किमी की गति वाली बिछाई जा रही रेल लाइन
आनंदनगर-महराजगंज-घुघली हो या सहजनवां-दोहरीघाट और खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन। रेल लाइन बिछने के साथ विद्युतीकरण भी होता रहेगा। यह सभी रेल लाइनें 160 किमी प्रति घंटे ट्रेन चलने लायक बिछाई जा रही हैं। ताकि, भविष्य में इन नई रेल लाइनों पर भी वंदे भारत समेत अन्य गतिमान ट्रेनें भी चलाई जा सकें। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य लाइन बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा 425 किमी को 160 किमी की गति के लायक तैयार किया जा रहा है। वर्तमान समय में पूर्वोत्तर रेलवे में अधिकतम 110 किमी की गति से ट्रेनें चल रही हैं।