अब गांव के युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा के लिए भटकने की जरूरत नहीं होगी। जिले के सभी ग्राम पंचायत सचिवालयों में डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को इंटरनेट, कंप्यूटर और अन्य आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
इस पहल के तहत पहले चरण में 385 ग्राम पंचायत सचिवालयों में लाइब्रेरी तैयार करने की जिम्मेदारी पंचायती राज विभाग को दी गई है। इन लाइब्रेरियों में बच्चों के लिए पुस्तकालय, फर्नीचर, कंप्यूटर सिस्टम, निशुल्क इंटरनेट, दो टैबलेट, शुद्ध पेयजल की सुविधा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। हर लाइब्रेरी के लिए लगभग चार लाख रुपये का बजट तय किया गया है।
डिजिटल लाइब्रेरी से शिक्षा होगी हाईटेक
इन डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही इंटरनेट और कंप्यूटर की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे डिजिटल शिक्षा से वंचित न रहें। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, इंटरनेट और कंप्यूटर की कमी के कारण छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई में कठिनाई महसूस करते थे। अब सचिवालयों में इन्वर्टर की व्यवस्था की जाएगी, जिससे बिजली की समस्या का समाधान हो जाएगा और छात्रों को डिजिटल सेवा प्राप्त हो सकेगी
बच्चों के लिए अखबार की भी व्यवस्था होगी
लाइब्रेरी में बच्चों के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अखबार, मैगजीन, साहित्य, कहानी और नाटक की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही लाइब्रेरी के दीवारों पर थीम आधारित पेंटिंग्स भी बनाई जाएंगी, ताकि बच्चों को एक आकर्षक और ज्ञानवर्धक वातावरण मिले। लाइब्रेरी में कंप्यूटर, टेबल, कुर्सी, शुद्ध पेयजल और शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
ग्राम पंचायतों में बनेंगी लाइब्रेरियां
पहले चरण में उन पंचायत सचिवालयों का चयन किया जाएगा, जिनमें कम से कम चार कमरे हैं। यह लाइब्रेरियां उन सचिवालयों में स्थापित की जाएंगी, जहां पर्याप्त स्थान उपलब्ध है। इस योजना के तहत पहले चरण में 385 ग्राम पंचायत सचिवालयों में लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जिसके लिए कुल 15.40 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
बच्चों को मिलेगा डिजिटल शिक्षा का लाभ
दूसरे चरण में नौ विकास खंडों की सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाएगी। जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया उपाध्याय ने बताया कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के युवाओं को डिजिटल शिक्षा का लाभ मिलेगा और वे अपने अध्ययन में कहीं भी बाधित नहीं होंगे। इससे उन्हें शहरों की तरह ही उन्नत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सकेगी।